12 साल की नेवी स्कूल की छात्रा ने रचा इतिहास, दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी पर लहराया तिरंगा
काम्या 9 साल की उम्र की उत्तराखंड के कई चोटियों पर चढ़ाई कर चुकी हैं.काम्या को बचपन से पहाड़ों पर चढ़ने, ट्रैकिंग का शौक था जिसे उसके माता पिता ने खूब बढ़ावा दिया.
मुम्बई: मुम्बई की रहने वाले 12 साल की छात्रा ने दक्षिण अमेरिका के सबसे ऊंची चोटी पर पहुचकर इतिहास रच दिया. काम्या कार्तिकेयन दुनिया की सबसे कम उम्र की पर्वतारोही है जिन्होंने दक्षिण अमेरिका के अर्जेंटीना देश के माउंट अंकोकागुआ की चोटी पर पहुचकर तिरंगा लहराया. 12 साल की काम्या कार्तिकेयन 7वीं कक्षा की छात्रा हैं जो मुम्बई के नेवी चिल्ड्रन स्कूल में पढ़ती है. अर्जेंटीना देश का माउंट अंकोकागुआ, एशिया महाद्वीप के बाहर सबसे ऊंची चोटी है जिसपर काम्या ने सबसे कम उम्र में पैर रखकर इतिहास रचा है.
काम्या ने यह 1 फरवरी 2020 के दिन मुकाम इस पर्वत के 6962 मीटर हाइट पर पहुचकर हासिल किया.काम्या ने इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए वर्षों की शारीरिक, मानसिक तैयारी की. काम्या अक्सर एडवेंचर स्पोर्ट्स में हिस्सा लेती रही हैं.
काम्या इसके पहले अगस्त महीने में लदाख के 6260 मीटर ऊंची चोटी पर पहुचकर उपलब्धि हासिल की थी. काम्या के पिता एस कार्तिकेयन इंडियन नेवी में कमांडर है जबकि मां लावण्या कार्तिकेयन प्री स्कूल टीचर हैं. काम्या को बचपन से पहाड़ों पर चढ़ने, ट्रैकिंग का शौक था जिसे उसके माता पिता ने खूब बढ़ावा दिया. काम्या 9 साल की उम्र की उत्तराखंड के कई चोटियों पर चढ़ाई कर चुकी हैं. काम्या अपने पिता कमांडर एस कार्तिकेयन के साथ फिटनेस ट्रेनिंग बचपन से करती रही हैं.
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