Mumbai News: BMC कमिश्नर इकबाल सिंह चहल ने मुंबई शहर को लेकर एक बेहद ही भयावह भविष्यवाणी की है. उन्होंने कहा है कि साल 2050 तक, कारोबारी जिले नरीमन पॉईंट (Nariman Point) और राज्य सचिवालय ‘मंत्रालय’ सहित दक्षिण मुंबई का एक बड़ा हिस्सा समुद्र में पानी का स्तर बढ़ने के चलते जलमग्न हो जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रकृति चेतावनियां देती रही है, लेकिन अगर लोग नहीं जागे तो आने वाले समय में यहां की स्थिति 'खतरनाक' हो जाएगी.
महाराष्ट्र के पर्यावरण एवं पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे द्वारा शुक्रवार को मुंबई जलवायु कार्य योजना और इसकी वेबसाइट के उद्घाटन समारोह में इकबाल सिंह चहल ने ये बात कही. चहल ने कहा कि शहर के दक्षिण मुंबई में ए, बी, सी और डी वार्ड का 70 प्रतिशत हिस्सा जलवायु परिवर्तन के कारण जलमग्न हो जाएगा. उन्होंने कहा, “कफ परेड, नरीमन पॉईंट और मंत्रालय जैसे अस्सी फीसदी इलाके जलमग्न....मतलब गायब होने जा रहे हैं. ये महज 25-30 साल की बात है क्योंकि 2050 बहुत दूर नहीं है.”
समय रहते संभलने की है जरुरत- BMC कमिश्नर
BMC कमिश्नर चहल ने चेताया, "हमें प्रकृति से चेतावनियां मिल रही हैं और अगर हम समय रहते नहीं जागते हैं तो अगले 25 साल स्थिति भयावह होगी. इससे न सिर्फ अगली पीढ़ी बल्कि मौजूदा पीढ़ी भी प्रभावित होगी.” उन्होंने कहा कि मुंबई दक्षिण एशिया का पहला शहर है जो अपनी जलवायु कार्य योजना तैयार कर उस पर कार्य कर रहा है.
चहल ने कहा कि पिछले साल 129 साल में पहली बार कोई चक्रवात (निसर्ग) मुंबई से टकराया और उसके बाद पिछले 15 महीनों में तीन चक्रवात आए हैं. उसके बाद पांच अगस्त, 2020 को नरीमन पॉईंट पर करीब 5 से 5.5 फुट पानी जमा हो गया था. उन्होंने कहा, "उस दिन चक्रवात की कोई चेतावनी नहीं थी, लेकिन मापदंडों को देखते हुए, यह एक चक्रवात ही था."
इस बात पर विशेष जोर डालते हुए कि शहर ने हाल ही में कुछ बेहद प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों का सामना किया है, उन्होंने कहा कि शहर ने मुंबई में ताऊते चक्रवात का सामना किया और 17 मई को 214 मिमी बारिश हुई, जबकि मॉनसून यहां छह या सात जून को आता है. बीएमसी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि मुंबई जलवायु कार्य योजना (एमसीएपी) के तहत, बढ़ती जलवायु अनिश्चितता को देखते हुए आंकड़ों के मूल्यांकन में उन क्षेत्रों और समुदायों की पहचान की गयी है जो सबसे अधिक असुरक्षित हैं.
यह भी पढ़ें