Mumbai Drain Cleaning: मानसून के पहले बीएमसी हर साल नाला सफाई की प्रक्रिया करती है. इसे लेकर बीएमसी दावा कर रही है कि 30 मई तक 100 प्रतिशत नाला सफाई के टारगेट के साथ अब तक 88 प्रतिशत नाला सफाई की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. बीएमसी के इस दावे में कितनी सच्चाई है ये जानने के लिए एबीपी न्यूज ने इसका मुआयना किया है.
मुंबई के वडाला इलाके के कमला नगर में नाला इतना गन्दा है कि वह नाला कम डंपिंग ग्राउंड ज्यादा लग रहा. ये इलाका बस्तियों से घिरा हुआ है, लेकिन हर गली में कीड़े-मकोड़े और मक्खी नजर आए. पिछले साल भी यही हाल था और इस बार भी कोई साफ सफाई नहीं हुई. इलाके में रह रहे लोगों ने बताया कि छोटे बच्चे बीमार होते रहते हैं. बुजुर्ग भी बीमारियों से ग्रसित हैं.
वहीं जब अधिक बारिश होती है तो सारा गंदा पानी लोगों के घरों तक आ जाता है. जब वडाला एंटॉप हिल स्थित दूसरे बड़े नाले का जायजा लिया गया. यहां था बड़ा नाला पूरी तरह से साफ नजर आया. यह नाला दक्षिण मुंबई की ओर जाता है. हालांकि, बड़े नालों के साथ छोटे नाले भी साफ होने जरूरी है.
सीएम शिंदे ने भी लिया जायजा
इसके बाद मीठी नदी की सफाई का जायजा लिया गया. ये नदी मुंबई की सबसे बड़ी नदी है. इस नदी के साथ-साथ गुरुवार (18 मई) मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई के कई इलाकों के नाला सफाई का जायजा लिया.
दरअसल बीजेपी लगातार नाला सफाई को लेकर आरोप लगा रही है. इस बीच सवाल यह उठता है के क्या एकनाथ शिंदे गुट भी बीएमसी के दावों को झूठा बताते हैं? इस पर शिवसेना प्रवक्ता शीतल जगताप ने बताया, "वह आंकड़ों पर नहीं जा रहे हैं, लेकिन मुंबईकरों को बारिश के मौसम में कोई असुविधा न हो इसलिए हमारे मुख्यमंत्री सड़क पर उतर कर नाले सफाई का जायजा ले रहे हैं."
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मीठी नदी समेत कई इलाकों का दौरा किया. इस दौरे में उनके साथ बीएमसी आयुक्त इकबाल सिंह चहल और अन्य अधिकारी शामिल थे. सीएम ने दौरे के बाद कहा कि नाला सफाई की प्रक्रिया दुरुस्त नहीं करने पर अधिकारियों पर कार्रवाई होगी.
वहींं बीएमसी की ओर से जारी किए आंकड़ों को देखते हुए अधिकतर आंकड़े सच लग रहे हैं, लेकिन अधिकतर छोटे नाले अब तक साफ नहीं किए गए हैं.
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