Mumbai News: मुंबई में पिछले कुछ दिनों में डेंगू, मलेरिया के मामलों में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. यहां के कुछ इलाकों में इसका बहुत ज्यादा असर दिखाई दे रहा है. इनमें से ज्यादातर इलाके वो हैं जहां मच्छरों के लार्वा को मारने के लिए इस्तेमाल में आने वाले रसायनों को डालना मुश्किल होता. ऐसे में बीएमसी ने इस परेशानी से निपटने के लिए एक नया उपाय निकाला है.

 

बीएमसी ने इसके लिए 'ड्रोनास्त्र' तैयार किया है. इसके जरिए उन जगहों पर भी दवाइयों का छिड़काव आसान हो गया है जहां स्प्रे करने में अब तक बीएमसी को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. मुंबई के धोबी घाट इलाके में आज मुंबई की मेयर किशोरी पेडणेकर ने इस 'ड्रोनास्त्र' की शुरुआत की.

 

मुंबई की मेयर किशोरी पेडणेकर ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि, "अक्टूबर महीने में सबसे ज्यादा खतरा डेंगू मलेरिया का होता है. यहां हम ड्रोन के जरिए दवा डाल रहे हैं ताकि उनके लार्वा को खत्म किया जा सके. हमनें डेंगू, मलेरिया के मामलों को लेकर कई अस्पतालों में तैयारी पूरी कर रखी है." साथ ही उन्होंने कहा, "कोविड-19 खतरे को लेकर मेयर ने सचेत किया कि उपमुख्यमंत्री कह चुके हैं कि भीड़ यूं ही दिखी तो लॉकडाउन लगाने से पीछे नहीं हटेंगे. लोगों को ख्याल रहना पड़ेगा."

 

संकरी से संकरी जगहों पर पहुंच सकता है ये ड्रोन 

 

बता दें कि, मुंबई में कई इलाकों की गालियां बेहद ही संकरी हैं. जिसके चलते यहां मच्छरों का लार्वा मारने के लिए इस्तेमाल में आने वाली स्प्रे मशीन को पहुंचाना बेहद मुश्किल होता है. इन्हीं जगहों पर और यहां घरों की छतों पर इकट्ठा होने वाले मच्छर के लार्वा को मारने के लिए बीएमसी ने ये ड्रोन अस्त्र तैयार किया है. 

 

छह परों वाला ये ड्रोन उन संकरी से संकरी जगहों में स्प्रे कर सकता हैं जहां मशीन नहीं पहुंच सकती. मुंबई के महालक्ष्मी इलाके में मौजूद धोबी घाट में भी ऐसी कई जगह हैं जहां बीएमसी दूसरे तरीकों से लार्वा को मारने के लिए नहीं पहुंच पा रही थी. वहां आज ड्रोन के जरिए लारवा मारने के रसायन को पहुंचाने की शुरुआत हुई ड्रोन उड़कर वहां पहुंचा जहां पानी इकट्ठा था और केमिकल को डाला जिस से कि लार्वा खत्म हो सके.

 

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