Mumbai Omicron Update: ओमिक्रोन वेरिएंट के बढ़ते मामले और कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए प्रशासन ने अपनी कमर कस ली है. आर्थिक राजधानी मुंबई में कोरोना और उसके नए वेरिएंट ओमिक्रोन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. महाराष्ट्र सरकार खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है. मलाड के कोविड सेंटर में खासतौर पर बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. बच्चों के खेलने के लिए चिल्ड्रेन प्ले एरिया. बच्चों के माता पिता के लिए पेरेंट्स रूम और योगा करने के लिए भी स्पेस दिया गया है.


मलाड जंबो कोविड सेंटर कई सुविधाओं से लैस


कोविड सेंटर में अगर किसी भी मरीज को डायलिसिस, सीटी स्कैन, पैथोलॉजी लैब में जांच की जरूरत पड़ती है तो उन्हें इसके लिए बाहर किसी अन्य अस्पताल में जाने की जरूरत नही है. सारी की सारी व्यवस्था इस कोविड सेंटर में ही की गयी है. इतना ही नहीं 2 D ECHO और सोनोग्राफी का सेटअप भी किया गया है. 2200 बेड्स वाला कोविड सेन्टर पूरी तरह से ऑक्सिजनेटेड है. हर बेड तक मरीजों को ऑक्सीजन पहुंचाने का इंतजाम किया गया है. 190 बेड्स अलग से बच्चों के लिए रेडी किए गए हैं, जिसमे 40 पीडियाट्रिक इंसेंटिव केअर यूनिट है. कोविड केंद्र में कुल 190 आईसीयू बेड है. पूरी तरह से अत्याधुनिक मेडिकल सुविधा से ये केयर सेंटर लैस है.


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कोविड सेंटर में ही ऑक्सीजन प्लांट


कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी एक सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरी थी. ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए कोविड सेंटर में ही ऑक्सीजन प्लांट बनाया गया है. फिलहाल 20 हजार लीटर का एक टैंक लगाया गया है. आगे और भी टैंक लगाने की योजना चल रही है. इसके अलावा ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स की भी व्यवस्था की गयी है. कोरोना के इस दौर में एक समय ऐसा भी आया, जब लगा कि जंबो कोविड सेंटर की अहमियत अब खत्म होती जा रही है, लेकिन जिस तरह राज्य और राजधानी में मामले लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसे में जंबो कोविड सेंटर एक बार फिर चर्चा में है. पहली और दूसरी लहर की गलतियों से सीख लेते हुए, जिस तरह से मलाड के कोविड सेंटर को अत्याधुनिक सुविधाएं दी गई है, वो वाकई काबिले तारीफ हैं.