Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में 2 जुलाई को NCP में बगावत के बाद शरद पवार (Sharad Pawar) और अजित पवार (Ajit Pawar) के बीच रिश्ते तल्ख हो गए थे, लेकिन बगावत के 54 दिन बाद क्या परिवार में अंदरखाने कुछ और पक रहा है? ये बात हम यूं ही नहीं कह रहे बल्कि शरद पवार का तीन दिन पहले दिया गया बयान इस तरफ कुछ इशारा कर रहा है. 25 अगस्त को शरद पवार ने कहा, "अजित पवार हमारे नेता है ! एनसीपी में फूट नहीं है , सिर्फ उन्होंने अलग भूमिका ली है."


वहीं बगावत के वक्त 5 जुलाई 2023 को शरद पवार ने कहा था, "अजित पवार खोटा सिक्का हैं. उन्होंने पार्टी का बहुत नुकसान किया है. उनकी बातें सुनकर काफी अफसोस हुआ. पार्टी तोड़ने से पहले अजित को बात करनी चाहिए थी."


क्या चुपचाप पॉलिटिकल गेम कर रहे शरद पवार?
मुंबई में एक तरफ विपक्षी गठबंधन INDIA की बैठक की तैयारियां जोर-शोर से हो रही हैं. महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के नेता गठबंधन की बैठक को लेकर बैठकें कर रहे हैं, लेकिन इन बैठकों के बीच सवाल ये है कि शरद पवार किस तरफ से खेल रहे हैं? क्या विपक्षी गठबंधन के साथ दिख रहे पवार चुपचाप कोई बड़ा पॉलिटिकल गेम कर रहे हैं ? इन सवालों को दम मिला है पवार के करीबी रहे उन छगन भुजबल के बयान से, जो NCP में बगावत करके महाराष्ट्र में मंत्री बने हैं.


क्या है छगन भुजबल का दावा
छगन भुजबल ने बीड़ में दावा किया कि शरद पवार ने बीजेपी के साथ चर्चा करने के लिए कहा था. शरद पवार ने ही मंत्री पद के लिए बात करने और अन्य चर्चाओं के लिए प्रेरित किया था. बगावत के बाद जब अजित पवार पर सवाल उठे थे तो 5 जुलाई 2023 को उन्होंने भी ऐसा ही दावा किया था.


5 जुलाई को अजित पवार ने किया था ये दावा
अजित पवार ने 5 जुलाई को कहा था, "मैं कभी झूठ नहीं बोलता...झूठ बोलूंगा तो पवार की औलाद नहीं. शरद पवार ने 2017 में सरकार बनाने के लिए बीजेपी से बातचीत की थी. शरद पवार ने मुझे, सुनील तटकरे और प्रफुल पटेल को वर्षा बंगले पर फडणवीस से सरकार बनाने को लेकर बातचीत के लिए भेजा. बीजेपी के दिल्ली के नेताओ से बातचीत के बाद उन्होंने कहा कि शिवसेना को हम नहीं छोड़ेंगे, लेकिन तब हमारे नेताओं ने शिवसेना जातिवादी पार्टी कहा था."


ये दावा करते रहे हैं अजित गुट के नेता
अजित गुट के नेता ये जताने की कोशिश कर रहे हैं उन्होंने बगावत नहीं की. शरद पवार ने उन्हें, जिस रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए कहा वो उसी रास्ते पर आगे चल रहे हैं. अजित गुट NCP पर दावा कर रहा है. अजित पवार खुद को NCP का अध्यक्ष घोषित कर चुके हैं, इसके बावजूद अब तक शरद और अजित पवार के बीच 4 मुलाकातें हो चुकी हैं.


दोनों गुटों में हो चुकी हैं 4 बैठकें
पार्टी में बगावत के 13 दिन बाद 15 जुलाई को शरद पवार और अजीत पवार की पहली मुलाकात हुई. 16 जुलाई को फिर अजित पवार गुट के नेता शरद पवार से मिले. 17 जुलाई 2023 को तीसरी बार वह अजित पवार से मिले. 12 अगस्त को पुणे में एक बिल्डर के घर पर फिर शरद पवार और अजित पवार की मुलाकात हुई. 


पवार को लेकर उठने लगे सवाल
इन मुलाकातों के बाद महाराष्ट्र विकास अघाड़ी में पवार को लेकर सवाल उठने लगे थे. अफवाहें तो यहां तक थी कि अजित पवार के जरिए शरद पवार को बीजेपी ने ऑफर दिया है, लेकिन तब सुप्रिया सुले ने इन अफवाहों का खंडन किया था. अब सुप्रिया के सुर भी बदले हुए दिख रहे हैं. सुप्रिया सुले ने कहा है कि मैं फिर दोहरा रही हूं कि एनसीपी में कोई फूट नहीं हुई है. हमारे 9 विधायकों और 2 सांसदों ने अलग रास्ता अपनाया है, जिसके लिए हमने पहले ही लोकसभा अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्ष को अयोग्यता के लिए नोटिस दे दिया है, उनके जवाब का इंतजार है.


किस तरफ हैं शरद पवार?
पवार की पार्टी फिलहाल उद्धव गुट वाली शिवसेना और कांग्रेस के साथ मुंबई में होने वाली विपक्षी गठबंधन की बैठक की तैयारी में जुटी है. गठबंधन की बैठक से पहले होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी पवार मौजूद रहेंगे, लेकिन अजित पवार को लेकर शरद पवार का जो रुख है, उससे महाराष्ट्र में सवाल है कि आखिर शरद पवार किस तरफ हैं....शरद पवार की पॉलिटिक्स क्या है?


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