मुंबई: परमबीर सिंह के कहने पर अधिकारी ने साइबर एक्सपर्ट को दिए थे 5 लाख, सीक्रेट सर्विस फंड से निकाले गए पैसे
जिस अधिकारी ने पैसे देने की बात कबूली है वो पिछले 10 साल से ज्यादा के समय से परमबीर के साथ काम कर रहा है और फिलहाल होम गार्ड विभाग में पोस्टेड है.
मुंबई: एंटीलिया कांड और मनसुख हत्या मामले में एनआईए द्वारा दायर की याचिका में से हमने आपको एक साइबर एक्सपर्ट का बयान बताया था. जिसमें बताया गया था कि कैसे उस समय के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने साइबर एक्सपर्ट को आतंकी संघटन जैश उल हिंद से जुड़ी रिपोर्ट को मोडिफाई करने के लिए पांच लाख रुपए दिए थे. इसी बात को दुबारा से जांचने के लिए एनआईए ने परमबीर सिंह के बेहद करीबी अधिकारी का बयान भी दर्ज किया जिसने उसने इस बात को माना कि परमबीर सिंह के कहने पर उसने पांच लाख रुपये सीक्रेट सर्विस फंड से निकालकर साइबर एक्सपर्ट को दिए थे.
आपको बता दें की जिस अधिकारी ने पैसे देने की बात कबूली है वो पिछले 10 साल से ज्यादा के समय से परमबीर के साथ काम कर रहा है और फिलहाल होम गार्ड विभाग में पोस्टेड है. यहीं पर परमबीर सिंह भी डीजी के पद पर हैं. साल 2006 में परमबीर सिंह एटीएस में थे तब से ही यह उनसे जुड़ा हुआ है.
साल 2006 के बाद से परमबीर सिंह कोंकण रेंज के आईजी बने, फिर वीआईपी सिक्योरिटी में गए. उसके बाद एडीजी/एसआरपीएफ रहे, ठाणे पुलिस कमिश्नर बने, एडीजी लॉ एंड ओर्डर (महाराष्ट्र) उसके बाद डीजी एसीबी फिर मुंबई पुलिस कमिश्नर और फिर डीजी होम गार्ड हर जगह इस अधिकारी को अपने साथ लेकर गए.
अधिकारी ने एनआईए को क्या बताया
अधिकारी ने एनआईए को अपने बयान में बताया कि वो परमबीर सिंह के ऑफिस के कामों के अलावा निजी जीवन, उनकी निजी फाइलें और परिवार के सदस्यों को देखा करता था. एनआईए ने इस अधिकारी से सवाल किया कि क्या साइबर एक्सपर्ट सीपी ऑफिस आया था, कहां उसे जैश उल हिंद की पुरानी रिपोर्ट के साथ छेड़छाड़ करने के लिए 5 लाख रुपए दिए गए थे. जिसपर अधिकारी ने एनआईए को बताया कि तीन मार्च को सीपी के चैंबर में एक शख्स लैपटॉप के साथ बैठा हुआ था, इस समय मुझे उसके बारे में नहीं पता था लेकिन बाद में पता चला कि वो साइबर एक्सपर्ट है और करीब पांच बजे मुझे सिंह ने अंदर बुलाया. मुझे उस साइबर एक्सपर्ट को तीन लाख रुपए देने को कहा. उसी दौरान उन्होंने एक्सपर्ट से पूछा कि इतने पैसे पर्याप्त हैं या और दूं. इसपर साइबर एक्सपर्ट में जब जवाब नहीं दिया तब सिंह ने मुझे उस तीन लाख में दो लाख और जोड़कर पांच लाख रुपए सायबर एक्सपर्ट को देने के लिए कहा. जिसके बाद मैं सीक्रेट सर्विस फंड से 5 लाख रुपए निकालकर साइबर एक्सपर्ट को दिया.
एनआईए ने इस अधिकारी का दो बार बयान दर्ज किया जिसने से पहला बयान 24 अप्रैल 2021 को लिया गया था तो दूसरा बयान 13 अगस्त 2021 को लिया गया था. दूसरी बार बयान लेते समय एनआईए को सिंह का दो ईमेल आईडी मिला, उस समय एनआईए ने इस अधिकारी से परमबीर के लोकेशन के बारे में पूछा जिसपर उसने कहा कि उसकी जानकारी के मुताबिक परमबीर चंडीगढ़ में होंगे.
अधिकारी ने आगे बताया कि एक कोंस्टेबल जो कमिश्नर ऑफिस में काम करता है, उसे एक शख्स को बुलाने के लिए कहा क्योंकि सिंह को उस शख्स से सेकंड हैंड आइफोन लेना था. अप्रैल के दूसरे सप्ताह में वही शख़्स डीजी होम गार्ड के दफ़्तर में 3 से 4 आइफोन लेकर आया. सीपी से करीब 30 मिनट तक उनके चैंबर में मीटिंग की, मीटिंग खत्म होने के बाद वो शख़्स सिंह के चैंबर से बाहर आया. मुझे बताया कि सिंह सर ने एक नया आइफ़ोन चुना है.
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