मुंबईः मुंबई में आए दिन जर्जर इमारतों के गिरने उस हादसे में बेगुनाह लोगों के मारे जाने की खबरें आती रहती हैं. हर हादसे के बाद सरकार मरने वालों को लाखों रुपये का मुआवज़ा देती है, ज़िम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने का आदेश देती है और फिर जांच कमिटी का गठन किया जाता है. सवाल ये है कि क्या इन जर्जर इमारतों के साथ होनेवाले हादसे रोके जा सकते है? अगर समय रहते कोई ठोस क़दम उठाए जाएं तो हादसे रोके जा सकते हैं. ऐसे ही किसी ठोस कार्रवाई की उम्मीद के सहारे मुंबई के चुनाभट्टी के टाटा नगर कॉलोनी के लोग इस बेहद ख़तरनाक इमारतें में रह रहे हैं.
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में चुनाभट्टी के टाटा नगर कॉलोनी के छात्र जो हर रोज़ अपने घर से स्कूल जाते समय जान जोखिम में डालकर जाते हैं. हर रात इस मौत की इमारत में रहनेवाले लोग उपरवाले से ये प्रार्थना करके सोते हैं कि अगला सुबह का सुरज देखने के लिए उन्हें ज़िंदा रखना. इमारतें अंदर और बाहर दोनों जगह से खोखली हो चुकी हैं. ये जानते हुए भी कि इस इमारत में रहना मतलब मौत को न्योता देना है इसके बावजूद इस इमारत में 123 परिवार रहते हैं.
दरअसल ये इमारत करीब 70 साल पुरानी है जहां मिल कामगार रहते हैं. साल 2000 में मुंबई की स्वदेशी मिल बंद हो गई तब से लेकर अबतक 20 साल हो गए हैं. साल दर साल इमारत की हालत ख़स्ता होती चली जा रही है लेकिन क़ानून के फंदे में फंसी इस इमारत का पेंच छूट नहीं रहा और लोगों की जान पर से ख़तरा टल नहीं रहा है.
हालात कुछ ऐसे हैं कि इमारत के लोग अपने बच्चों को बाहर खेलने नहीं छोड़ते इस डर से कि कहीं उनका बच्चा किसी हादसे का शिकार ना हो जाए. कई लोगों ने तो अपने बीवी बच्चों को दूसरे घर में शिफ़्ट कर दिया लेकिन खुद मौत की इस इमारत में मजबूरी में रह रहे हैं. इस इमारत में ना तो डाकिया डाक लेकर अंदर जाता है, ना दूध वाला दूध देने आता है, ना अखबारवाला अख़बार पहुंचाता है, सभी कहते हैं इस इमारत के अंदर जाना मतलब मौत को गले लगाना.
अब सवाल ये है कि लोग आख़िर यहां रहते क्यों हैं तो कुछ लोगों का कहना है कि ये इमारत रहने लायक़ नहीं है, बीएमसी ने बिजली, पानी का कनेक्शन भी काटा है लेकिन फिर भी लोग यहां रहने के लिए मजबूर हैं क्योंकि मुंबई में किराए पर घर लेना इन लोगों के बस के बाहर है.
इस इमारत का मामला अदालत में है. उम्मीद रखते हैं कि हमारी ये ख़बर देखकर शायद अदालत कोई ठोस आदेश दे दे जिससे इनकी ज़िंदगी बच जाए.