Anil Deshmukh Case: मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Parambir Singh) ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) पर वसूली के आरोप लगाए थे, उसके बाद चांदीवाल आयोग को इन आरोपों की जांच करने के लिए कहा गया था. इसी जांच के दौरान आयोग में मुंबई पुलिस के सोशल सर्विस ब्रांच के ACP संजय पाटिल (Sanjay Patil) से इस मामले में जिन पर आरोप लगे हैं उनके वकीलों ने क्रॉस एक्जामिनेशन किया.
अनिल देशमुख के वकील गिरीश कुलकर्णी ने ACP पाटिल से कई सवाल पूछे जिस पर पाटिल ने बताया कि 'उन्हें देशमुख या उनके कार्यालय से जुड़े किसी भी शख्स ने कभी भी बार या गाम्ब्लिंग डेन से किसी भी तरह की हफ्ता वसूली के निर्देश नहीं दिए थे.' पाटिल ने बताया की उनकी देशमुख से जितनी बार भी मीटिंग हुई है वो उनके वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में ऑफिशियल काम के संबंध में ही हुई है.
इसके बाद देशमुख के PS संजीव पलांडे के वकील शेखर जगताप ने ACP पाटिल से सवाल जवाब किया, जिसमें ACP पाटिल ने जवाब दिया कि, 'मैं संजीव पलांडे को मुंबई पुलिस में ट्रांसफर होने से पहले नहीं जानता था और मेरी उनसे व्यक्तिगत पहचान भी नहीं है. पहली बार मेरी उनसे मुलाकात 1 मार्च 2021 को एक ऑफिशियल मीटिंग के दौरान हुई थी.'
ACP पाटिल ने कमीशन के सामने बताया की जिस तरह का सवाल परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री को लिखे अपने खत में ACP पाटिल से पूछना था कि “फरवरी में उनकी (पाटिल) देशमुख और पलांडे की मीटिंग में कितने बार और रेस्टोरेंट का जिक्र किया था और उनसे कितना कलेक्शन करने को कहा गया था.”
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इस पर ACP पाटिल ने कहा कि फरवरी 2021 में इस तरह की कोई भी मीटिंग नहीं हुई थी. ऐसे में खत में लिखी यह बात गलत है. पाटिल ने आगे कमीशन के सामने बताया की उन्हें परमबीर सिंह ने व्हाट्सऐप पर फोन कर उनके सवाल के जवाब देने के लिए दबाव डाला था.
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