तीसरी पास युवक ने क्रिप्टोकरंसी के नाम पर हजारों लोगों से 200 करोड़ की ठगी को दिया अंजाम, मुंबई में गिरफ्तार
इस शख्स ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर देश और दुनिया के हजारों लोगों को ठग लिया. पुलिस ने सरगना को गिरफ्तार कर लिया है और पांच अन्य आरोपियों की तलाश जारी है.
मुंबई पुलिस ने एक ऐसे ठगों के गिरोह का पर्दाफ़ाश किया है, जिसने भारत में ही नही बल्कि पूरे विश्व में हज़ारों लोगों को क्रिप्टोकरंसी में निवेश करवाने के नाम पर 200 करोड़ रुपये से ज़्यादा का चूना लगाया है. दरअसल मुंबई के माटुंगा पुलिस को एक म्यूज़िक टीचर ने शिकायत दी थी. उसे क्रिप्टोकरंसी में निवेश करने के नाम पर ठगा गया और उसको आरोपियों ने 2.43 लाख रुपये का चूना लगा दिया. इस मामले में माटुंगा पुलिस ने कर्नाटक के एक 31 वर्षीय शख़्स को गिरफ्तार किया है, जिसका नाम मोहम्मद जाबिर है. आरोप है कि इसने लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की है.
माटुंगा इलाक़े में रहने वाले म्यूज़िक टीचर की शिकायत के बाद पुलिस ने अक्टूबर में जांच शुरू की थी. महीनों की जांच के बाद, उन्होंने कर्नाटक के बेंगलुरु में रहने वाले जाबिर का पता लगाया और 18 फरवरी को उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस को उसके पास दो बैंक खाते, दो डेबिट कार्ड, पासबुक और एक मोबाइल फोन मिला है. माटुंगा पुलिस के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक दीपक चव्हाण ने बताया की बैंक खातों में से एक के स्टेटमेंट से पता चला है कि उसने अक्टूबर और फरवरी के बीच बिटकॉइन में निवेश करने के लिए लोगों को धोखा देकर 200 करोड़ रुपये कमाए, जाँच में यह भी पता चला की यह गैंग जुलाई से सक्रिय है.
जांच में यह भी पता चला की जाबिर हर बार क़रीब 1 करोड़ मैसेज की लिमिट वाला बल्क एसएमएस सर्विस ख़रीदता था. एक साथ लाखों लोगों को मैसेज कर वह आकर्षक रिटर्न के वादे के साथ लोगों को अपने ऐप - आरोहस और एग्रो पीआरओ के माध्यम से बिटकॉइन में निवेश करने के लिए कहता है. अगस्त 2021 में शिकायतकर्ता को अपने मोबाइल फोन पर एक मैसेज मिला, जिसमें लिखा था: "भारत के नंबर 1 क्रिप्टो माइनिंग ऐप से जुड़ें, और ऐसा करने से आप रोज़ाना 2,000 रुपये तक कमा सकते हैं, और इसमें फ़ायदे की गारंटी है, डाउनलोड करें', जिसके बाद शिकायतकर्ता में आरोहश एप डाउनलोड किया.
आरोपियों में इसके बाद उन्हें बिटकॉइन क्रिप्टो करंसी में निवेश करने के लिए कई व्हाट्सएप कॉल और मैसेज भेजने लगे. कुछ दिनों बाद, आरव खुराना नाम के एक शख़्स ने उसे व्हाट्सएप पर कॉल किया और कहा कि अगर वह अरोहश के माध्यम से बिटकॉइन में 2,000 रुपये का निवेश करता है तो उसे रोजाना 25 रुपये मिलेंगे. जिसके बाद शिकायतकर्ता शिक्षक ने 2,000 रुपये का निवेश किया और फिर उसने देखा की उसके अरोहश खाते में 25 रुपये डिपोज़िट हुए हैं.आरोपी ने फिर उससे कहा कि अगर वह 1 लाख रुपये का निवेश करता है तो उसे 2,000 रुपये मिलेंगे. शिकायतकर्ता ने ऐसा किया जिसके बाद उसे कुछ पैसे मिले, उसने इनके झाँसे में आकर कुल 2.47 लाख रुपये का निवेश किया था.
चव्हाण ने बताया की आरोपी ने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया और शिकायतकर्ता सहित 200 से अधिक इंवेस्टर को उस ग्रुप में मेम्बर के रूप में जोड़ा था और रोज़ाना मैसेज भेजकर उन्हें उस ऐप के माध्यम से बिटकॉइन में निवेश के फ़ायदे के बारे में बताया करते थे. पर कुछ दिनों के बाद, आरोपी ने गूगल प्ले स्टोर पर आरोहश और एग्रो प्रो दोनों ऐप को हटा दिया और निवेशकों से कहा कि यह एक तकनीकी दिक़्क़तों के कारण हटाया गया है पर घबराने की ज़रूरत नही है ये ऐप जल्द ही वापस आ जाएंगे जिसका इस्तेमाल आप दुबारा से करसकेंगे.
अक्टूबर में, जब शिकायतकर्ता शिक्षक को पैसे मिलना बंद हो गया, तो उसे लगा उसके साथ धोखाधड़ी हुई है जिसके बाद उसने माटुंगा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई उसकी शिकायत के आधार पर पुलिस ने अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ IPC की धारा 419 , 420, 34 और IT की धारा 66 (के)(डी) के तहत मामला दर्ज किया.
चव्हाण ने आगे बताया की शिकायत मिलने के बाद, हमने उस बैंक अकाउंट की जांच की जिसमें पैसा ट्रांसफर किया गया था. हमने पाया कि 200 करोड़ से ज़्यादा रुपये इस अकाउंट में जमा किए गए थे जिसे बाद में जाबिर ने दूसरे कई सारे बैंक अकाउंट में ट्रांसफ़र कर दिए थे. आरोपी पुलिस से बचने के लिए लगातार VPN का इस्तेमाल करते थे ताकि उनकी लोकेशन के बारे में किसी को पता ना चले.
चव्हाण ने बताया की हमें शक है कि इन आरोपियों ने लाखों इंवेस्टर को ठगा गया है, क्योंकि पिछले चार महीनों में उनके एक बैंक खाते में 200 करोड़ रुपये से अधिक का ट्रांसेक्शन दिखाई दे रहा है. हम नागरिकों से अपील कर रहे हैं की अगर इस तरह से ठगी उनके साथ भी हुई है तो वो आगे आएं और हमें बताएं.
जांच के दौरान पता चला की आरोपी जबीर ने 18 जनवरी को दोनो एप्लिकेशन बंद कर दिए थे और वो सारे बैंक अकाउंट दिल्ली से चलाया करता था और उसने इस तरह ठगे गए पीड़ितों से मिले पैसों को सुरक्षित जगह ट्रांसफ़र करने के लिए एक नकली कंपनी और उसका बैंक अकाउंट भी बनाया था . आपको बता दें की जाबिर ने तीसरी तक ही पढ़ाई की है उसके ख़िलाफ़ बेंगलुरु में दो मामले दर्ज हैं और एक मामला हैदराबाद में दर्ज है.
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