OLX Scame: मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच की साइबर विंग ने एक साइबर अपराधी गैंग को गिरफ्तार किया है. इस साइबर गैंग को कई राज्यों की पुलिस तलाश कर रही थी. इस गैंग के सदस्य ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं लेकिन कई राज्यों के साइबर ब्रांच और आईटी एक्सपर्ट को परेशान करके रखा था . मुंबई पुलिस की गिरफ्त में आया यह गैंग लाखों के साइबर फ्रॉड को अंजाम दे चुका है.
मुंबई पुलिस साइबर ब्रांच के डीसीपी (DCP) भाल सिंह राजपूत के मुताबिक यह गैंग ऑनलाइन सामान बेचने और खरीदने की वेबसाइट OLX के जरिए अपने फ्रॉड को अंजाम देता था. OLX वेबसाइट पर अपने शिकार की तलाश करता था और उससे लाखों रुपये ऐंठ लेता था. दरअसल यह गैंग ओएलएक्स पर ऐसे लोगों की पहचान करता था जो अपने सामानों को बेचने के लिए नए-नए OLX पर जुड़ते थे.
चिकनी चुपड़ी बातें करके जाल में फंसाते थे
इस गैंग के सदस्य ऐसे लोगों से बातचीत करता था और यह जाहिर करता था कि वह उनके सामान को खरीदना चाहते हैं, जिसके लिए पहले वह सामान बेचने वाले से चिकनी चुपड़ी बातें करके उनको अपने जाल में फंसाते थे . एडवांस के तौर पर उन्हें कुछ पैसे देने की भी लालच देते थे और जब कोई शख्स तैयार हो जाता था, तो वह एक QR-Code भेजते थे और सामने बेचने वाले शख्स से बोलते थे कि आप इसे अपने यूपीआई (UPI) अकाउंट से स्कैन करिए आपको एडवांस का अमाउंट मिल जाएगा लेकिन जब वह शख्स स्कैन करता था तो खुद उसके अकाउंट से ही पैसे कट जाते थे और ऐसा वह कई बार करके लोगों से हजारों की रकम लूट लेते थे और उनके गैंग का दूसरा सदस्य उसी समय उस अकाउंट में आने वाले पैसे को अपने एटीएम कार्ड के जरिए तुरंत निकाल लेता था.
राजस्थान के भरतपुर में है मुख्य अड्डा
मुंबई पुलिस ने इस बैंक के 4 सदस्यों , सवसुख राजदार उर्फ समशू, तुलसीराम रोडू लाल मीणा, अजीत पोसवाल, इरशाद सरदार को राजस्थान और उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया है. इस गैंग का मुख्य सरगना समशू है . जिसे राजस्थान से गिरफ्तार किया गया है. साइबर क्राइम ब्रांच के मुताबिक राजस्थान के भरतपुर में इनका मुख्य अड्डा है . उसी गांव के कई लोग मिलकर इस पूरे गैंग को चलाते हैं . यहीं पर इन्हें साइबर अपराध करने की ट्रेनिंग भी दी जाती थी जिसके लिए इनका एक ट्रेनिंग सेंटर भी है.
इस गैंग के खिलाफ 270 से ज्यादा मामले हैं दर्ज
इस गैंग के सदस्य चार ग्रुप में बटे हैं जिनका अलग-अलग काम है कोई ग्राहक की तलाश करता है तो कोई पैसे निकालने का काम करता है तो कोई QR कोड से पैसे मंगाने का काम करता है. मुंबई साइबर ब्रांच में करीब 11 ऐसे मामले दर्ज हैं जिनमें यह गैंग शामिल है. करीब 14 और ऐसे मामले हैं जिनमें इनके शामिल होने की पहचान की जा रही है. राज्यों में इस गैंग के खिलाफ करीब 270 से ज्यादा मामले दर्ज हैं जिसकी जांच की जा रही है.
साइबर गैंग के पकड़े गए चार आरोपी
मुंबई साइबर क्राइम ब्रांच ने इन साइबर अपराधियों के पास से करीब 2 लाख की रकम 9 मोबाइल फोन, विभिन्न बैंकों के 32 डेबिट कार्ड, 835 मोबाइल सिम कार्ड बरामद किए हैं. पुलिस के मुताबिक इन साइबर अपराधियों के निशाने पर ओ एल एक्स पर फर्नीचर बेचने वाले, गाड़ी बेचने वाले लोग ज्यादातर निशाने पर होते थे. इस गैंग के सदस्य सेक्सटॉर्शन का भी काम करते थे , साथ ही इस गैंग से जुड़े कुछ ऐसे लोग हैं जो अपने को आर्मी से रिटायर्ड बताते थे. पुलिस अभी इस गैंग के और भी कई सदस्यों की तलाश कर रही है. फिलहाल इस साइबर गैंग के पकड़े गए चार आरोपियों को अदालत ने 4 जनवरी तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है.
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