मुंबई में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो मरीजों को कोरोना की फर्जी आरटीपीसीआर नेगिटिव रिपोर्ट बनाकर देती थी. मिली जानकारी के मुताबिक गिरोह लोगों से फर्जी नेगिटिव रिपोर्ट के बदले मोटी रकम लेता था.


दरअसल, शहर से सटे नवी मुंबई की राबाले पुलिस ने इस गैंग के सदस्यों को अरेस्ट किया है. पुलिस ने बताया कि इस गिरोह ने राबाले एमआईडीसी के एक ही कंपनी के 113 कमर्चारियों को नेगेटिव रिपोर्ट बनाकर दी थी.


नवी मुंबई में फेक आरटीपीसीआर बनाने वाले गैंग सक्रिय


बता दें, कंपनियों में काम करने वाले कमर्चारियों की कोरोना रिपोर्ट होनी बहुत जरूरी है ऐसी जानकारी राज्य सरकार ने दी थी जिसके बाद हर कंपनी के कामगारों की कोविड रिपोर्ट कंपनी मालिको ने बनवानी शुरू की. इसी बात का फायदा उठाकर नवी मुंबई में फेक आरटीपीसीआर बनाने वाले गैंग सक्रिय हो गए और इन्होंने नोट छापने की मशीन समझकर फर्जी आरटीपीसीआर रिपोर्ट तैयार करना शुरू कर दिया.


नवी मुंबई के राबाले के एमआईडीसी की प्रवीण इंडस्ट्रीज के सभी कर्मचारियों की 8 अप्रैल को कोविड टेस्ट करवाया गया. इसके लिए ठाणे के मिड टाउन डाइग्नोस लेब के मालिक देवीदास घुले और परफेक्ट हेल्थ केयर के मालिक मोहम्मद वाशिम असलम शेख ने प्रवीण इंडस्ट्रिलिस्ट कंपनी में एक कोविड टेस्ट केम्प लगाया.


पुलिस जांच में हुआ मामले का खुलासा


2 दिन बाद कंपनी को सभी कर्मचारियों की रिपोर्ट सौंपी गई. कंपनी के मालिक को शक हुआ क्योंकि ज्यादातर रिपोर्ट नेगेटिव थी. कंपनी ने थायरोकेयर लैब से संपर्क किया जो केम्प लगाने वाली लैब की रिपोर्ट निकाल रही थी. थायरोकेयर लैब ने पुलिस में शिकायत की जिसके बाद जांच में पता चला कि मोहम्मद शेख और देवीदास घुले ने खुद ही फेक रिपोर्ट तैयार की और थायरोकेयर लैब के फर्जी दस्तावेज बनाकर रिपोर्ट कंपनी को दे दी.


पुलिस ने दोनों आरोपियों को अरेस्ट किया और कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 19 अप्रैल तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया. पुलिस इस वक्त ये पता लगा रही हैं कि इन दोनों आरोपियों ने और कितनी कंपनियों में कोरोना केम्प लगाया और कितने पॉजिटिव लोगों की नेगेटिव रिपोर्ट बनाई.


यह भी पढ़ें.


Delhi Weekend Curfew: दिल्ली में कोरोना के सभी रिकॉर्ड टूटे, आज आए 19 हजार से अधिक नए मामले