(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
ट्रैफिक और नॉइस पॉल्यूशन पर मुंबई पुलिस कमिश्नर का खास ध्यान, नियमों में बदलाव के साथ डेवलपर्स को अब करना होगा बांड पर हस्ताक्षर
मुंबई के पुलिस कमिश्नर संजय पांडे ने औपचारिक बातचीत में पत्रकारों से वार्ता करते हुए ट्रैफिक और नॉइस पॉल्यूशन के मुद्दों पर बात की और कहा कि हम इस दिशा में काम कर रहे हैं.
मुंबई के पुलिस कमिश्नर संजय पांडे ने मंगलवार को प्रेस क्लब में आयोजित एक औपचारिक बातचीत में पत्रकारों से वार्ता करते हुए मुंबई के नागरिकों से संबंधित मुद्दों पर बात की. पांडे ने इस दौरान ट्रैफिक और नॉइस पॉल्यूशन के मुद्दों पर बात की साथ ही ड्रग्स और साइबर क्राइम से जुड़ी बात भी की और कहा कि ये उनकी प्राथमिकताओं में से एक है और वह इस दिशा में काम कर रहे हैं.
पांडे ने कहा, 'मैं यहां मुंबईकरों के लिए काम करने के लिए आया हूं और मैंने उनके साथ सोशल मीडिया पर बातचीत करना शुरू कर दिया है. इसके अलावा मैंने अपना नंबर सार्वजनिक रूप से साझा किया है और ये इसलिए क्योंकि मेरा मानना है कि यह बातचीत करने और नागरिकों से उनका फीडबैक लेने का सबसे अच्छा मार्ग है.
नॉइस पॉल्यूशन पर ऐसे होगा काम
पांडे ने इस बातचीत में कहा, 'मुझे आश्चर्य है कि लोग शहर में क्राइम के बारे में बात नहीं कर रहे बल्कि ट्रैफिक के मुद्दों और नॉइस पॉल्यूशन के बारे में बात कर रहे हैं इसलिए मैंने ट्रैफिक नियमों को सख्ती से लागू करने की बात की है. मीडिया से बातचीत के दौरान पांडे ने नॉइस पॉल्यूशन पर कहा कि वो इसके लिए सीआरपीसी के कानून के अनुसार कार्य करने जा रहे हैं, जहां पर डेवलपर्स को कानून का उल्लंघन करने पर एक बांड पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा जाएगा जिसके लिए उन्हें (डेवलपर्स को) अच्छे खासे पैसे भी चुकाने होंगे.
मुंबई में होगा साइलेंट संडे
पांडे ने साइलेंट संडे के बारे में बताया कि मुंबई पुलिस कोशिश कर रही है कि रविवार के दिन किसी नागरिक को नॉइस पॉल्यूशन जैसी समस्या का सामना ना करना पड़े. पांडे ने संडे स्ट्रीट नाम का कार्यक्रम शुरू किया है जिसके अंतर्गत रविवार के दिन मुंबई की कई सारी सड़कों पर गाड़ियां नही दौड़ेंगी बल्कि नागरिक उन सड़कों पर घुम टहल सकेंगे.
हेड कॉन्स्टेबल करेंगे जांच
पांडे ने बताया कि हेड कॉन्स्टेबल पहले जांच नहीं करते थे सिर्फ अधिकारी दर्जे के लोग ही जांच करते थे ऐसे में अब हेड कॉन्स्टेबल को ज़िम्मेदारी दी जाएगी कि वो छोटे छोटे क्राइम की जांच खुद करे जिससे जांच जल्द से जल्द पूरी हो. पुलिस स्टेशन में हेड कॉन्स्टेबल की तुलना में अधिकारियों की संख्या काफ़ी कम है ऐसे में अगर जांच सिर्फ़ अधिकारी करेंगे तो पेंडेंसी बढ़ते जाती है और अगर हेड कॉन्स्टेबल भी जांच करेंगे तो ज़्यादा से ज़्यादा मामलों की जांच की जा सकेगी.
एक दिन में एक की मदद
संजय पांडे में मीडिया को बताया की मुंबई में 40 हज़ार के क़रीब कॉन्स्टेबल की संख्या है ऐसे में उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि वो दिन में किसी एक की मदद करें. चाय ना सही तो एक ग्लास पानी पिलाएं ताकि लोगों को अच्छा लगे. कमजोर लोगों को सड़क पार कराएं और भी दूसरी चीज़ करें ताकि एक दिन में हज़ारों लोग ऐसा कहें कि आज पुलिस ने उनकी मदद की.
साइबर सेफ़
संजय पांडे ने कहा, आजकल से साइबर से जुड़े कई मामले सामने आ रहे हैं. मेरा मानना है कि साइबर को लेकर जो क़ानून बनाए गए हैं उसमें बदलाव लाना चाहिए ताकि लोगों की मदद की जा सके. नियमों के मुताबिक सिर्फ अधिकारी दर्जे के लोग ही साइबर से जुड़े मामलों की जांच कर सकते हैं पर पूरे महाराष्ट्र में PI दर्जे के अधिकारी बहुत कम हैं ऐसे में अगर निचले रैंक के अधिकारियों को भी जांच करने की बात क़ानून में आ जाए तो अधिकारियों पर काम का लोड कम होगा और ज़्यादा से ज़्यादा मामलों की जांच की जा सकेगी.
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