(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
मुंबई: फर्जी वैक्सीन मामले में पुलिस ने दायर की 2000 पन्नों की चार्जशीट, 500 लोगों के बयान भी दर्ज
फर्जी वैक्सीन कैंप आयोजित कर लोगों का टीकाकरण मामले में मुंबई पुलिस ने चार्जशीट दायर कर दी है. कैंप में कुल 390 लोगों को कोविड-19 की वैक्सीन लगाई गई थी. पुलिस ने 500 लोगों के बयान भी दर्ज किए हैं.
मुंबई: फर्जी वैक्सीन मामले में कांदीवली पुलिस ने 11 आरोपियों के खिलाफ बोरिवली कोर्ट में लगभग 2000 पन्नों की चार्जशीट दायर की है. पुलिस के मुताबिक इस चार्जशीट में करीब 500 लोगों के बयान भी दर्ज किए गए हैं. पुलिस ने माना है कि फर्जी वैक्सीन कैंप को पैसा कमाने के मकसद से ही आयोजित किया गया था. मामला कांदीवली के हीरानंदानी हेरिटेज सोसाइटी में फर्जी वैक्सीन कैंप का है. इस कैंप में कुल 390 लोगों को कोविड-19 की वैक्सीन लगाई गई थी.
फर्जी वैक्सीन मामले में 2000 पन्नों की चार्जशीट दायर
पुलिस ने चार्जशीट गैर इरादतन हत्या का प्रयास और सबूतों को मिटाने जैसी धाराओं के तहत दायर की है. मुंबई में कुल 10 जगहों पर इस तरह के नकली वैक्सीन कैम्प का आयोजन किया गया था, जिसके बाद पुलिस कमिश्नर ने एसआईटी गठित कर उसका इंचार्ज डीसीपी विशाल ठाकुर को मामलों की जाांच का जिम्मा सौंपा था. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया की मामलों से जुड़े आरोपियों के खिलाफ कई सबूत हैं जो इस ओर इशारा करते हैं की अपराध कितना संगीन है और सिर्फ पैसा कमाने के इरादे से अंजाम दिया गया था.
चार्जशीट में डॉक्टर शिवराज पटारिया, उनकी पत्नी नीता पटातिया, डेंटिस्ट मनीष त्रिपाठी, मनीष के नर्सिंग इंस्टिट्यूट के छात्र करीम अकबर अली, मलाड मेडिकल इंस्टिट्यूट का पूर्व कर्मचारी महेंद्र प्रताप सिंह, महेंद्र का दोस्त और इवेंट मैनेजर संजय गुप्ता, महेंद्र का दोस्त और कोकिलाबेन अस्पताल का पूर्व कर्मचारी राजेश पांडे, शिवम अस्पताल का कर्मचारी राहुल दुबे, गुड़िया यादव, नितिन मोंडे और चंदन सिंह उर्फ ललित आरोपी बनाए गए हैं. गुड़िया, नितिन और चंदन एक निजी अस्पताल में डेटा एंट्री और एक कोविड केयर सेंटर में काम करते थे.
पैसा कमाने के उद्देश्य से किया गया था फर्जीवाड़ा
चार्जशीट के मुताबिक पटारिया, दुबे और त्रिपाठी ने नकली वैक्सीन इकट्ठा करने का काम किया था, अली ने इसे ट्रांसपोर्ट करने में मदद की थी. उसके अलावा सिंह और गुप्ता ने कैम्प का आयोजन किया था. पांडे ने ऐसा झूठ कहा था कि इस कैम्प के आयोजन में कोकिलाबेन अस्पताल भी शामिल है और इस तरह से उसने सिंह और गुप्ता की मदद की. तीन डेटा ऑपरेटर ने नकली सर्टिफिकेट का इंतेजाम किया था, जिसे निजी अस्पताल और नेसको कोविड केयर सेंटर से लिए गए थे.
उन्होंने कोविन एप्लिकेशन के यूजर नेम और पासवर्ड का इस्तेमाल कर सर्टिफिकेट जारी करने का काम किया. चार्जशीट में पुलिस ने उस चिट्ठी को भी शामिल किया है जिसमें लिखा है कि शिवम अस्पताल के पास इस तरह के कैम्प को लगाने की इजाजत नहीं थी. इस अस्पताल को बीएमसी ने सील कर दिया है और उसका लाइसेंस स्थायी तौर पर वापस ले लिया गया है. सोसाइटी के 390 लोगों के बयान के अलावा 6 अन्य में रोहिणी पटेल और अजित बेनवासी का बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज करवाया गया है. गवाह के तौर पर ये लोग वैक्सीन के कार्यक्रम के दौरान आरोपियों के साथ थे.
पुलिस ने चार्जशीट में पैसों के लेनदेन के बारे में भी बताया है. आरोपियों ने करीब 4.9 लाख रुपए फर्जीवाड़ा से कमाए. पुलिस को खाली वैक्सीन की बोतलें भी शिवम अस्पताल से मिली हैं जिसे एफएसएल भेजा गया है जिसकी रिपोर्ट आना बाकी है. दिलीप सावंत, एडिशनल कमिश्नर, नॉर्थ रीजन ने एबीपी से बातचीत में चार्जशीट दायर करने की पुष्टि की है. उनका कहना है कि पर्याप्त सबूत के आधार पर फर्जीवाड़े में शामिल 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. बाकी के अन्य मामलों में भी जल्द ही चार्जशीट दायर की जाएगी.
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