मुंबई पुलिस ने दिया रिया का साथ, परिवार को मुंबई पुलिस की जांच पर नहीं था भरोसा : सुशांत के पिता
सुशांत सिंह राजपूत मौत मामला दिन प्रतिदिन गरमाता जा रहा है. अब सुशांत के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में दिए गए लिखित जवाब में रिया चक्रवर्ती और सिद्धार्थ पठानी के बीच आपसी सांठगांठ का भी आरोप लगाया गया है.
नई दिल्ली: सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में सुशांत के पिता के के सिंह की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दिए गए लिखित जवाब में रिया चक्रवर्ती और सिद्धार्थ पठानी के बीच आपसी सांठगांठ का भी आरोप लगाया गया है. इसके साथ ही मुंबई पुलिस की जांच के ऊपर भी सवाल उठाते हुए कहा गया है कि परिवार को मुंबई पुलिस की जांच का भरोसा नहीं था. इसी वजह से पटना में मामला दर्ज करवाया. सुप्रीम कोर्ट में दिए गए इस लिखित जवाब में बिहार सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश को पूरी तरह सही ठहराया गया है.
लिखित जवाब में सुशांत के पिता ने उठाए मुंबई पुलिस की जांच पर सवाल
सुशांत के पिता के के सिंह की तरफ से दिए गए लिखित जवाब में मुंबई पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि पटना पुलिस ने एफआईआर दर्ज किए जाने के कुछ दिनों के अंदर ही 10 लोगों से पूछताछ कर ली थी. जबकि मुंबई पुलिस ने अभी इस मामले में एफआईआर तक दर्ज नहीं की है. रही बात क्षेत्राधिकार की तो क्षेत्राधिकार का मसला तब उठता है जब एक बार जांच पूरी हो जाए.
ज़ीरो एफआईआर का सवाल बेबुनियाद
जीरो एफआईआर दर्ज कर मामला मुंबई पुलिस के पास हस्तांतरित करने का जवाब देते हुए लिखित जवाब में कहा गया है कि जीरो एफआईआर का सवाल तब उठता है जब शिकायतकर्ता की शिकायत सम्बंधित थाने में दर्ज न हो पाए. साथ ही इस वजह से शिकायतकर्ता किसी दूसरे थाने में जाकर शिकायत दर्ज करवाता है. लेकिन यहां पर शिकायतकर्ता के पास मुंबई और पटना दोनों जगह एफआईआर करवाने का अधिकार था और उन्होंने पटना में मामला दर्ज़ करवाया.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बावजूद मुंबई पुलिस ने नहीं दर्ज़ की एफआईआर
लिखित जवाब में कहा गया है कि सुशांत के पिता को लग रहा था कि मुंबई पुलिस इस मामले में सही से जांच नहीं कर रही. साथ ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बावजूद एफआईआर तक दर्ज नहीं की. लिहाजा शिकायतकर्ता यानी सुशांत के पिता की नजरों में मुंबई पुलिस की जांच संदेह के घेरे में थी.
पटना पुलिस ने दर्ज की गई एफआईआर बिल्कुल सही
पटना में दर्ज करवाई गई एफआईआर को सही बताते हुए लिखित जवाब में कहा गया है मामला पटना में इस वजह से भी बनता है क्योंकि सुशांत के पिता पटना में ही रहते थे. साथ ही वहां से उन्होंने मुंबई में रह रहे सुशांत से सम्पर्क करने की कोशिश की लेकिन सम्पर्क नहीं हुआ. क्योंकि उनके बेटे को उनसे छीन लिया गया था. इसके अलावा पैसे की भी धोखाधड़ी की गई.
मुंबई पुलिस ने रिया को दिया सबूतों और गवाहों को प्रभावित करने का पूरा मौक
रिया और मुंबई पुलिस को सवालों के घेरे में खड़ा करते हुए कहा कि रिया से इस मामले में मुंबई पुलिस ने घटना के 4 दिन बाद पूछताछ की और इस बीच उसको सबूत नष्ट करने का पूरा मौका दिया. इतना ही नहीं बल्कि इस मामले में एक महत्वपूर्ण गवाह से लगातार संपर्क में थी यहां तक कि पटना में एफआईआर दर्ज होने के बाद एक अहम गवाह ने उसको ई मेल भी भेजा. हालांकि लिखित जवाब में सुधार पठानी का नाम नहीं है लेकिन जिस महत्वपूर्ण गवाह की बात हुई है वह सिद्धार्थ पठानी की ओर इशारा कर रहा है.
रिया खुद कर रही है सीबीआई जांच की बात तो आपत्ति क्यों
रही बात सीबीआई जांच की तो लिखित जवाब में कहा गया है कि अब सीबीआई जांच को लेकर तो सवाल उठने ही नहीं चाहिए क्योंकि रिया ने खुद अपने हलफनामे में माना है कि उनको सीबीआई जांच से दिक्कत नहीं है. तो ऐसे में तकनीकी पहलुओं पर जाते हुए इस मामले को और पेचीदा ना करना चाहिए. लिहाजा कोर्ट को इस मामले में सीबीआई को जांच करने देना चाहिए. साथ ही मुंबई पुलिस को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वह इस मामले से जुड़े हुए सभी सबूत और दस्तावेज सीबीआई को सौंप दें.
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