सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. इस सबके बीच लगातार सीबीआई जांच की भी मांग की जा रही है. सीबीआई जांच की मांग करने वालों में से एक है वकील इस्करण भंडारी. वकील इस्करण भंडारी सुशांत की मौत के कुछ दिन बाद से ही इस मामले में संदेह जताते हुए सीबीआई जांच की मांग करते रहे हैं. इस्करण की मानें तो अब तक मुंबई पुलिस ने जो जांच की है वह अपने आप सवाल खड़े कर रही है क्योंकि मुंबई पुलिस ने बिनाा एफआईआर दर्ज किए हुए लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है. जबकि कानूनन एफआईआर दर्ज करने के बाद ही सही मायने में जांच शुरू होती है.
सुशांत के दोस्त संदीप सिंह का बयान अब तक दर्ज क्यों नहीं हुआ- इस्करण
मुंबई पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए भंडारी ने कहा कि सुशांत के सबसे करीब दोस्त संदीप सिंह कह रहे हैं कि सुशांत खुदकुशी नहीं कर सकता. ऐसे में संदीप सिंह का बयान अब तक पुलिस ने आधिकारिक तौर पर दर्ज क्यों नहीं किया. कानून के हिसाब से सुशांत के आसपास रहने वाले सभी लोगों का बयान सबसे पहले दर्ज होना चाहिए था और उसी आधार पर मुंबई पुलिस को अपनी जांच आगे बढ़ानी चाहिए थी लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया.
मामले में प्रवर्तन निदेशालय भी कर सकती है जांच
इस्करण ने कहा कि इस मामले में तो 15 करोड़ों रुपए के लेनदेन की भी बात हो रही है. ऐसे में जब मामले की जांच होगी तो प्रवर्तन निदेशालय को भी जांच करनी पड़ सकती है क्योंकि शीना बोरा हत्याकांड में भी ऐसा किया गया था.
अलग-अलग एजेंसी द्वारा जांच करने से बेहतर मामला सीबीआई को सौंप दिया जाए
भंडारी ने कहा कि अब इस मामले पर जब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हो ही गई है तो सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र सरकार से भी उसका पक्ष पूछेगी और बिहार सरकार से भी. सभी तथ्यों को देखने के बाद हो सकता है सुप्रीम कोर्ट भी अलग-अलग एजेंसियों की बजाए सिर्फ एक केंद्रीय एजेंसी को ही मामले की जांच सौंप दें.