Mumbai 350 Two Wheelers Lying Unused at Police Ground: केंद्र सरकार महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कई योजनाएं बनाती है. केंद्र, राज्य सरकार के माध्यम से उन योजनाओं को धरातल पर उतारने का काम करती है. देश के किसी भी बेटी के साथ निर्भया जैसी दरिंदगी न हो इसके लिए निर्भया फंड (Nirbhaya Funds) की शुरुआत की गई थी. लेकिन दुर्भाग्य से मुंबई पुलिस द्वारा निर्भया फंड के तहत अपनी सड़कों पर उपस्थिति बढ़ाने के लिए चार पहिया और दोपहिया वाहनों को प्राप्त करने के लगभग तीन महीने बाद, 350 दोपहिया वाहन (Two Wheelers) अभी भी नायगांव (Naigaon) के पुलिस मैदान में धूल फांक रहे हैं. मुंबई पुलिस (Mumbai Police) को मार्च के अंत में गाड़ियों की डिलीवरी मिली थी, जिसके बाद उन्हें मध्य मुंबई के नायगांव पुलिस मैदान में रखा गया था.
निर्भया फंड केंद्र सरकार द्वारा घोषित एक राशि है. देशभर के पुलिस बलों को संसाधन उपलब्ध कराए जाते हैं ताकि पुलिसकर्मियों को महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध से निपटने में मदद मिल सके. हाल ही में निर्भया फंड के अंतर्गत मिलने वाली राशि से मुंबई पुलिस को सैकड़ों चार पहिया और दुपहिया वाहन मुंबई पुलिस को उपलब्ध कराए गए थे.
निर्भया फंड से खरीदी गईं थी गाड़ियां
मार्च के महीने में मुंबई पुलिस को ये सभी वाहन उपलब्ध कराए गए थे. जिसकी कुल लागत करीबन 30 करोड़ तक है. इनमें 220 एसयूवी, 35 एमयूवी और करीबन 350 दुपहिया वाहन शामिल हैं. करीबन 350 दुपहिया वाहन अभी भी नायगांव स्थित पुलिस ग्राउंड में धूल फांक रहे हैं. बहुचर्चित निर्भया कांड के बाद महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा निर्भया योजना की शुरुआत की गई थी.
3 महीने से धूल फांकती गाड़ियां
मुंबई के भोईवाड़ा स्टेशन के अंतर्गत आनेवाले नायगांव पुलिस मैदान के ठीक बाहर गाड़ियों की लंबी कतारें देखी जा सकती है. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि नायगांव पुलिस मैदान में जो गाड़ियां लगी हैं, ये पिछले 3 महीने से यही खड़ी-खड़ी धूल फांक रही हैं. केंद्र सरकार की तरफ से ये गाड़ियां पुलिस इस्तेमाल के लिए लाई गई थीं ताकि पुलिस महिलाओं का बचाव कर सके. निर्भया कांड के बाद केंद्र सरकार ने पुलिस पेट्रोलिंग के लिए राज्य सरकारों को राशि मुहैया कराई थी. निर्भया फंड के जरिए ही गाड़ियों को खरीदा गया था.
प्रदेश के गृहमंत्री ने दिया क्या जवाब?
निर्भया कांड (Nirbhaya Case) आज भी हम सबके जेहन में ताजा है. पुलिस को ये गाड़ियां दी गईं थीं ताकि अलग अलग राज्यों के शहरों में पेट्रोलिंग (Patrolling) की सुविधा बढ़ाई जाए और शहर में महिलाएं खुद को सुरक्षित (Women Safety) महसूस कर सकें. इन गाड़ियों के आए हुए 3 महीने बीतने के बाद भी इन्हें जिस काम के लिए लाया गया था वो पूरा होते हुए नहीं दिखाई दे रहा है. राज्य के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील (Dilip Walse Patil) से जब इस मामले में पूछा गया तब उनकी ओर से कहा गया कि इस सवाल का जवाब मुंबई पुलिस कमिश्नर अच्छे से दे सकते है. मुंबई पुलिस कमिश्नर से जब इस मामले में पूछा गया तो उन्होंने इसे लेकर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया.
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