Mumbai Crime: मुंबई पुलिस का ऑपरेशन ‘एंबुलेंस अम्बेवली’, ईरानी गैंग के आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस बनी नर्स और डॉक्टर
Mumbai Police: मुंबई पुलिस ऑपरेशन 'एंबुलेंस अम्बेवली' के जरिये ईरानी डकैत मोहम्मद संगा को पकड़ने में कामयाब हुई.
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Mumbai Police Operation Ambulance Ambivali: मुंबई की एमएचबी (MHB) कॉलोनी पुलिस ने एक कुख्यात ईरानी डकैत मोहम्मद संगा को पकड़ने के लिए ऑपरेशन 'एंबुलेंस अम्बेवली' चलाया. मुंबई से करीब 50 किलोमीटर दूर अम्बेवली के ईरानी बस्ती से आरोपी को पकड़ने के लिए 'स्पेशल 26' टीम बनाई गई. पुलिस कर्मियों को डॉक्टर, नर्स और एंबुलेंस सहायक बनना पड़ा. इस ऑपरेशन में शामिल कई पुलिसवाले घायल भी हुए.
मुंबई पुलिस की एमएचबी कॉलोनी पुलिस की गिरफ्त में आए डकैत का पूरा नाम मोहम्मद संगा उर्फ जाकिर फर्जद सय्यद है, जो 27 साल का है. मोहम्मद संगा ईरानी गैंग का सदस्य है. उस पर अपराध के कई मामले दर्ज हैं. पुलिस के मुताबिक, मोहम्मद संगा पर गुजरात और महाराष्ट्र में लूटपाट जैसे 26 मामले दर्ज हैं.
ईरानी बस्ती का खौफ क्यों?
बताया जाता है कि ईरानी गैंग बेहद शातीराना तरीके से अपराध को अंजाम देती है. ये गैंग ईरानी बस्ती में रहती है. पुलिस को सिर्फ आरोपी को ही नहीं, बल्कि ईरानी बस्ती के लोगों को भी झेलना पड़ता है. पुलिस किसी को पकड़ने जाती है तो अचानक महिला, बच्चे और बस्ती के लोग पत्थरबाजी करने लगते हैं. इनका मकसद अपने समाज और बस्ती के आरोपी को बचाना होता है.
पुलिस ने क्या कहा?
एमएचबी कॉलोनी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सुधीर कुडालकर ने बताया कि जिस आरोपी को पकड़ा गया है वह मुख्य रूप से छिनैती जैसे अपराध में मुंबई के अलग-अलग पुलिस स्टेशन में दर्ज मामलों में शामिल रहा है. इसके बारे में एमएचबी थाने के पुलिस अधिकारी सूर्यकांत पवार को एक गुप्त सूचना मिली कि रविवार (4 फरवरी) की शाम करीब 5 बजे आरोपी अम्बेवली में ईरानी मस्जिद के पास एक चाय की दुकान पर आनेवाला है. पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए मजबूत योजना तैयार की. पुलिस जब इस अपराधी को पकड़ने गई तब ईरानी महिलाओं का जबरदस्त विरोध झेलना पड़ा. ईरानी महिलाओं ने मुंबई पुलिस पर पथराव किया.
पुलिस के मुताबिक, आरोपी को फरार होने में मदद करने के लिए महिलाओं ने खूब हंगामा किया, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हुए, फिर भी पुलिस टीम आरोपी को एंबुलेंस में डालकर मुंबई के बोरीवली एमएचबी पुलिस स्टेशन लाने में सफल रही.
ऐसे दिया गया ऑपरेशन को अंजाम
ऑपेरशन एंबुलेंस अम्बेवली प्लान और रूट के मुताबिक किया गया. योजना के अनुसार, पुलिस की टीम नंबर 1 एंबुलेंस में बैठकर ईरानी बस्ती की मस्जिद के पास चाय की दुकान पर पहुंची. जैसे ही एंबुलेंस ईरानी बस्ती में दाखिल हुई, मोहम्मद संगा को लगा कि पुलिस आ गई है. आरोपी ने भागने की कोशिश की और पूरी गली चिल्लाने लगी कि पुलिस आ गई है. पुलिस टीम पर जानलेवा हमला किया गया, इसके बावजूद टीम ने आरोपी को नहीं छोड़ा और उसे 800 मीटर घसीटते हुए एंबुलेंस तक ले जाया गया. आते-जाते सभी पर पत्थर गिर रहे थे, किसी के सिर पर, किसी के पैर पर तो किसी की पीठ पर, लेकिन कोई भी पुलिसवाला पीछे नहीं हटा.
ईरानी बस्ती के लोगों ने बड़ी एंबुलेंस के ड्राइवर पर भी हमले की कोशिश की, इसलिए बड़ी एंबुलेंस को वहां से अगले स्थान पर ले जाया गया. उस समय, आरोपी पुलिस हिरासत में था, लेकिन कार न होने के कारण फिर से एक बड़ा झुंड इकट्ठा होकर पुलिस का विरोध करने लगा. आरोपी को वहां से बाहर निकालना मुश्किल हो गया तो एक छोटी एंबुलेंस को बुलाया गया और आरोपी को उसमें बैठाया गया.
बाद में, मुंबई के पुलिस आयुक्तालय में ऑपरेशन अम्बेवली एंबुलेंस को सफलता पूर्वक अंजाम देने वाले स्पेशल 26 जवानों को वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से सम्मानित किया गया.
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