Mumbai Drugs Case: मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले को लेकर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने मुंबई एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर कई गंभीर आरोप लगा चुके हैं. नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े की जाति को लेकर सवाल उठाए थे. मलिक के इन आरोपों की शिकायत वानखेड़े ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में की थी, जिसके बाद कमीशन ने इसकी जांच करने के लिए मुंबई पुलिस को कहा था. मामले की जांच के लिए मुंबई पुलिस ने एक एसीपी रैंक के अधिकारी को नियुक्त किया था, जिसने समीर वानखेड़े का बयान दर्ज किया.
क्या कहा वानखेड़े ने?
समीर वानखेड़े ने अपने बयान में कहा कि वो शेड्यूल कास्ट से आते हैं, इसलिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है और परेशान किया जा रहा है. समीर वानखेड़े के दिए गए बयान के मुताबिक, वो शेड्यूल कास्ट के हैं. ऐसे में उनके पहनावे और रहन-सहन को लेकर कई लोगों में द्वेष की भावना है और यही वजह है कि उनके कपड़े, जूते, रहन-सहन को लेकर बार-बार कुछ लोगो द्वारा हीन की भावना के तहत निशाना बनाया जा रहा है. जो चीजें बताई जा रही हैं, वो सारी सामग्री मुंबई के बाजारों में उपलब्ध हैं.
समीर वानखेड़े ने एसीपी रैंक के पुलिस अधिकारी के सामने बयान दिया है कि उनके जाति प्रमाणपत्र को लेकर उन्हें और उनके परिवारवालों को बोगस कहा जाता है, जिसे वो गाली के तौर पर ही कंसीडर करते हैं. बोगस का मतलब क्या होता है, इस बात से वो और उनका परिवार बेहद आहत है. जानकारी के मुताबिक, नेशनल कमीशन ऑफ SC/ST को भी जो उन्होंने लिखित शिकायत दी थी, उसमें भी इस बात का जिक्र किया गया है और इसी शिकायत को लेकर SC/ST कमीशन ने मुंबई पुलिस को शिकायत की कापी और दस्तावेज को जांच के लिए सौंपा है.
मामले में जब हमने समीर वानखेड़े से पक्ष जानना चाहा, तो उनका कहना था कि उन्होंने विस्तृत तौर पर अपना बयान दर्ज करवाया है, इसलिए वो इस पर आधिकारिक तौर पर अभी कुछ भी कह नहीं सकते, समय आने पर सच बाहर आएगा. उन पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वो व्यक्तिगत ईर्ष्या द्वेष की भावना में लगाए गए हैं और इसी वजह से परिवार के हर सदस्य को इसमें घसीटा गया है.
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