मुम्बई: मलाड इलाके से दिनदहाड़े एक व्यापारी को अगवा करने के मामले में मुम्बई पुलिस क्राइम ब्रांच ने गुत्थी सुलझाते हुए 5 लोगो को गिरफ्तार किया है. जिसका मुख्य आरोपी लोकसभा चुनाव 2019 का प्रत्याशी भी रह चुका है.





ये तस्वीर मुंबई में मालाड़ के दिंडोशी इलाके की है. 11 अक्टूबर शाम तकरीबन 7:30 से 8 बजे की वारदात है. इस वीडियो में सफेद शर्ट पहने एक व्यापारी जैसे ही अपनी लग्जरी गाड़ी से उतरता है उसे तीन बदमाश जबरन एक सफेद गाड़ी में बिठाकर किडनैप कर लेते हैं. आरोपियों में से एक आरोपी के हाथ में आप लोहे की रॉड - हथौड़ा भी देख सकते हैं जिसका डर व्यापारी को दिखाया जा रहा है.



क्राइम ब्रांच के डीसीपी अकबर पठान ने बताया की, सड़क पर हो रहे इस वारदात की जानकारी एक चश्मदीद ने पुलिस कंट्रोल रूम को दी. जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने घटना की तहकीकात की तो किडनेपिंग की वारदात सही निकली. दिंडोशी पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी. सीसीटीवी तस्वीर में एक आरोपी का हुलिया , पुराने अपराध में लिप्त आरोपी से मिल रहा था. इस दौरान मुम्बई क्राइम ब्रांच के अधिकारियों को आरोपियों के बारे में सुराग मिला और क्राइम ब्रांच ने अपहरण को अंजाम देने वाले 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.




क्राइम ब्रांच के डीसीपी अकबर पठान ने बताया की, इस मामले में क्राइम ब्रांच को जांच के दौरान पता चला कि प्रदीप सरोदे नाम का ये आरोपी महाराष्ट्र के शिरडी का एक कुख्यात बदमाश है जिस पर 10 से ज्यादा गंभीर मामले दर्ज हैं. ये आरोपी अहमदनगर जिले में टोली बनाकर वारदातों को अंजाम देने के लिए कुख्यात है. इतना ही नही , मुख्य आरोपी प्रदीप सरोदे शिरडी लोकसभा सीट से साल 2019 में निर्दलीय चुनाव लड़ चुका है. प्रदीप सरोदे को 12946 वोट भी मिले थे. प्रदीप सरोदे लोकसभा चुनाव जीतकर संसद जाना चाहता था. मुम्बई क्राइम ब्रांच यूनिट 12 ने कारोबारी के अपहरण की गुत्थी सुलझाते हुए मुख्य आरोपी प्रदीप सुनिल सरोदे के अलावा आरिफ युनुस शेख, सुर्यकांत भिमराव जाधव, सुरज व्यंकट सुर्यवंशी उर्फ आनंद , महेश विश्वनाथ कांबले को गिरफ्तार किया है.




क्राइम ब्रांच के डीसीपी अकबर पठान ने बताया की, दरअसल व्यापारी राकेश पाण्डेय ने अहमद नगर निवासी आरोपी प्रदीप सरोदे के पिता से बड़ी रकम ली थी. इसके एवज में ना वो काम कर रहा था ना ही पैसे लौटा रहा था. इसलिए प्रदीप ने अपने साथियों के साथ मिलकर अपहरण की साजिश रची और फिर व्यापारी को धमकाकर नाशिक के पास छोड़ दिया. बावजूद इसके व्यापारी ने पुलिस को किडनैपर्स की कोई जानकारी नहीं दी. पुलिस के मुताबिक खुद व्यापारी के खिलाफ भी धोखाधड़ी के कुछ मामले दर्ज हैं.