मुंबई: मुंबई के गोरेगांव में आरे कॉलोनी में 2700 पेड़ काटने पर विरोध बढ़ता जा रहा है. मुंबई मेट्रो के लिए कार शेड बनाने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने आरे कॉलोनी के जंगल के 2702 पेड़ काटने के आदेश दे दिए हैं. कल इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने पेड़ काटने के आदेश के खिलाफ दायर हुईं सभी याचिकाएं खारिज कर दी थी. इलाके में धारा 144 लगाकर पेड़ों की कटाई की जा रही है. इसका विरोध करने पर शिवसेना की उपनेता प्रियंका चतुर्वेदी समेत 100 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है.


ये मुंबईकरो का मुद्दा है- प्रियंका चतुर्वेदी


प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘’जो फैसला आया है, हम उसके खिलाफ हैं. दूसरे भी ऑप्शन थे पर उसे नजरंदाज कर दिया गया. लोगों से बात भी नहीं की गई. इससे बहुत गलत संदेश गया है.’’ उन्होंने कहा, ‘’चुनाव सिर पर हैं. क्या इस मुद्दे को लेकर शिवसेना और बीजेपी के बीच में टकराव नहीं होगा? ये मुंबईकरो का मुद्दा है. बीजेपी या शिवसेना नहीं.’’


मुम्बई पुलिस ने आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई को लेकर हुए प्रदर्शन के बीच शनिवार सुबह कॉलोनी और उसके आसपास के इलाकों में दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू कर दी.अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने शुक्रवार रात से अभी तक 38 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भारतीय दंड विधान (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. अन्य एक अधिकारी ने बताया कि पेड़ों की कटाई के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 60 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है.


उच्च न्यायलय ने उत्तरी मुम्बई के हरित क्षेत्र में पार्किंग बनाने के लिये पेड़ों की कटाई के खिलाफ दायर चार याचिकाओं को खारिज कर दिया था. इसके कुछ घंटों बाद मुम्बई मेट्रो रेल निगम लिमिटेड (एमएमआरसीएल) ने शुक्रवार देर रात पेड़ों की कटाई शुरू कर दी. एमएमआरसीएल द्वारा पेड़ों की कटाई शुरू करते ही सैकड़ों पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर उन्हें रोकने की कोशिश की. मुम्बई पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ हमने आरे कॉलोनी, गोरेगांव नाके और उसके आसपास के इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 लगा दी है.’’ उन्होंने बताया कि आईपीसी की धारा 358, 332, 143 और 149 के तहत 38 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि पार्किंग बनाने के लिए की जा रही पेड़ों की कटाई के खिलाफ प्रदर्शन करने सैकड़ों लोग यहां एकत्रित हुए थे. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को बल का प्रयोग भी करना पड़ा. उन्होंने बताया कि स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेना शुरू किया. आरे पुलिस ने करीब 60 लोगों को हिरासत में लिया है. पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर ली है और किसी को वहां आने की अनुमति नहीं है.


अधिकारी ने बताया कि अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस कर्मियों को भी वहां तैनात किया गया है. पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने प्रशासन की आलोचना करते हुए दावा किया कि अब तक लगभग 200 पेड़ काटे जा चुके हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि मेट्रो निगम दस अक्टूबर से पहले काम खत्म करना चाहता है. इसी दिन राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में मामले की सुनवाई होनी है. पर्यावरण कार्यकर्ता स्टालिन डी ने कहा, " एनजीटी दस अक्टूबर को इस मामले पर सुनवाई करेगा और हमें वहां से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है. लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि वे सुनवाई से पहले ही पेड़ों की कटाई का काम खत्म करना चाहते हैं."


करीब 400 पेड़ रातो रात काट दिए गए- कार्यकर्ताओं का आरोप


कल बॉम्बे हाईकोर्ट ने पेड़ काटने के खिलाफ दायर याचिकाएं इस आधार पर खारिज कर दी कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी में लंबित है. इसके बाद पेड़ काटने के लिए एमएमआरसीएल के लोग पहुंचे गए तो आरे बचाओ मुहिम के कार्यकर्ता उनसे भिड़ गए. इस दौरान जमकर हाथापाई भी हुई. झ़ड़प इतनी बढ़ गई कि पुलिस ने विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया. आरोप है कि करीब 400 पेड़ रातो रात काट दिए गए.





आदित्य ठाकरे ने किया आरे का समर्थन


‘आरे बचाओ मुहिम’ को लेकर महाराष्ट्र सरकार में ही दो फाड़ हो गया है. बीजेपी सरकार ने पेड़ काटने की इजाजत दी लेकिन शिवसेना ने खुलकर विरोध कर दिया है. आदित्य ठाकरे ने इसी बहाने टविटर पर पीएम मोदी के जलवायु बचाओ मुहिम पर निशाना साध दिया है.


आदित्य ठाकरे ने कहा,''जलवायु परिवर्तन पर केंद्र सरकार के मंत्रालय का कोई मतलब नहीं है. मुंबई मेट्रो के निर्माण के साथ प्लास्टिक प्रदूषण के बारे में बात करना है संवेदनहीनता है. आरे के आसपास के क्षेत्र में पर्यावरण को तबाह किया जा रहा है. अहंकार की लड़ाई इसे बनाने के उद्देश्य को नष्ट कर रही है.'' आदित्य ठाकरे ने आगे कहा, '' मुबई मैट्रो उन सभी चीजों को खत्म कर रहा है जिसकी बात भारत ने यूएन में की थी.''





संजय राउत ने भी साधा निशाना


आदित्य ठाकरे के रुख से साफ है कि मुंबईकर के मुद्दे पर शिवसेना मुंबईकर के साथ रहेगी न कि बीजेपी के फैसले के साथ. शिवसेना खुलकर सीएम देवेंद्र फडणवीस का विरोध कर रही है. संजय राउत ने टविटर पर एक कार्टून पोस्ट करके निशाना साधा है. कार्टून इसलिए क्योंकि सरकार कह रही है कि आरे फोरेस्ट लैंड नहीं है. पेड़ काटे ही जाएंगे.


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