मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज विधानसभा को बताया कि रेलवे प्रशासन ने उन छात्रों से बातचीत शुरू कर दी है, जो आज सुबह स्थायी नौकरी की मांग करते हुए रेल पटरियों पर बैठ गए थे. माटुंगा और दादर स्टेशनों के बीच सैकड़ों छात्र सुबह करीब छह बजकर 45 मिनट पर पटरियों पर बैठ गए थे, जिससे सुबह व्यस्त घंटों में लाखों रेल यात्री प्रभावित हुए.


रेल मंत्री पीयूष गोयल ने नयी दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर प्रदर्शन वापस ले लिया गया. गोयल ने छात्रों से नियुक्तियों के लिए 31 मार्च से पहले प्रपत्र भरने का आवेदन भी किया.

विधानसभा में फडणवीस ने अपने बयान में कहा कि रेलवे ने अप्रेंटिस का कोटा 10 से बढ़ाकर 20 कर दिया है. उन्होंने कहा,"युवा रेलवे नौकरी में अप्रेंटिस के लिए100 प्रतिशत कोटे की मांग कर रहे हैं. रेलवे प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत शुरू कर दी है और जल्द ही इसका समाधान निकाल लिया जाएगा."

विधानसभा में यह मुद्दा विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने उठाया था.

प्रदर्शन कर रहे कुछ छात्रों ने कहा,"हम रेलवे में सफल छात्रों का पूर्णकालिक कर्मी के रूप में शामिल करने और जीएम कोटे को खत्म करने की मांग कर रहे हैं."

एक अन्य छात्र ने आरोप लगाया,"पिछले चार साल से कोई भर्ती नहीं हुई है. हम एक जगह से दूसरी जगह लगातार संघर्ष कर रहे हैं. 10 से 15 छात्र आत्महत्या कर चुके हैं."

कैब चालकों और एप आधारित टैक्सी चालकों के द्वारा सोमवार को शुरू किए गए हड़ताल के बाद मंगलवार को इस प्रदर्शन के चलते करीब 45 लाख यात्रियों को लगातार दूसरे दिन परेशानी का सामना करना पड़ा. पुलिस ने प्रदर्शकारियों को तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठी चार्ज किया, जिसके जवाब में उत्तेजित युवाओं ने पत्थरबाजी शुरू कर दी. इस प्रदर्शन में पांच लोग और कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए. यहां तक कि स्थिति को संभालने के लिए पुलिस और रेलवे के शीर्ष अधिकारियों को घटनास्थल पर जाना पड़ा.