Railway Board के अध्यक्ष बोले- मुफ्त में हर चीज की उम्मीद ठीक नहीं, कोयला संकट और किराए को लेकर ये कहा
V K Tripathi On Coal: रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी. के. त्रिपाठी ने कहा कि पिछले साल की तुलना में कोयले की मांग और खपत में 20% की बढ़ोत्तरी हुई है इसलिए हम अधिक मात्रा में कोयले का परिवहन कर रहे हैं.
Railway Board: मुंबई में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी वी. के. त्रिपाठी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई अहम मुद्दों पर बातचीत की. उन्होंने कहा कि राज्य से अपेक्षित मुंबई रेलवे विकास निगम (MRVC) के लिए धनराशि का हिस्सा हमारे पास नहीं आ रहा है. हम राज्य सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि मामला जल्द ही सुलझ जाएगा. MRVC के लिए किसी प्लान बी की कोई जरूरत नहीं है. हम कोशिश कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि चीजें जल्द ही सुलझ जाएंगी. कोयले की मांग और खपत पिछले साल की तुलना में काफी बढ़ गई है. इसलिए हम अधिक मात्रा में कोयले का परिवहन कर रहे हैं. उदाहरण के लिए, हम कह सकते हैं कि पिछले साल की तुलना में कोयले की मांग और खपत में 20% की बढ़ोत्तरी हुई है. अप्रैल 2022 के महीने में ही हमने पिछले साल की तुलना में इसी महीने में 15 फीसदी अधिक कोयले का परिवहन किया है. यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि कोयले की मांग और खपत बढ़ गई है.
मुफ्त में हर चीज की उम्मीद नहीं करनी चाहिए- वीके त्रिपाठी
वी. के. त्रिपाठी ने आगे कहा कि हमने एसी के स्थानीय किराए में कटौती की है और इसे मेट्रो ट्रेनों के किराए से मिला दिया है. मैं यहां कहूंगा कि मुंबई में लोगों के पास क्रय शक्ति है. हर चीज की मुफ्त में उम्मीद नहीं करनी चाहिए, क्योंकि जो कुछ भी मुफ्त में दिया जाता है वह हम श्रीलंका में देख चुके हैं. हम इस तरह के मुफ्त के अंतिम परिणामों को आसानी से समझ सकते हैं. बुल्लेट ट्रेन के लिए महाराष्ट्र में 60 फीसदी भूमि अधिग्रहण (Land Accusation) का विचार है. हालांकि मुंबई में बुलेट ट्रेन स्टेशन की जगह के लिए जो बीकेसी में स्थित है उसके लिए रेलवे राज्य सरकार से बात करेगी.
वॉटर ATM फिर से स्टेशनों पर नहीं लगाए जाएंगे- वीके त्रिपाठी
कई रेलवे स्टेशनों पर जो पानी के ATM लगाए गए थे वह अब पूरी तरह से बंद हो गये हैं. क्योंकि जिस ठेकेदार को काम दिया गया था उसके ऊपर कोर्ट केस चल रहा हैं. वॉटर ATM अब फिर से स्टेशनों पर नहीं लगाए जाएंगे. उधर, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक प्रमोद अग्रवाल ने कर्मचारियों को भेजे पत्र में कहा कि कंपनी की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि बिजली की कमी के बीच बिजली उत्पादन करने वाली यूनिट्स के पास घरेलू ईंधन का पर्याप्त भंडार हो. अग्रवाल ने कहा कि कोल इंडिया की प्राथमिकता है कि देश के बिजली संयंत्रों में घरेलू कोयले का पर्याप्त भंडार हो और देश को उचित दामों पर बिजली मिले. हमारा लक्ष्य ऊर्जा को कम से कम कीमत पर सुनिश्चित करने का होना चाहिए.