मुंबई की एक अदालत ने मानसिक रूप से बीमार लड़की के साथ गैंगरेप के मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि, हत्या इंसान के शरीर को खत्म करती है लेकिन रेप इंसान की आत्मा को खत्म कर देता है. 28 साल के एक शख्स ने अपने एक साथी के साथ मिलकर मानसिक रूप से बीमार 15 साल की लड़की के साथ गैंग रेप की घटना को अंजाम दिया था जिसमें साल 2012 में कोर्ट ने आरोपियों को दोषी माना. 


मामले में चली आ रही सुनवाई के दौरान एक आरोपी की मौत हो चुकी है तो वहीं दूसरे आरोपी को स्पेशल पोक्सो कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है. जानकारी के मुताबिक, पीड़िता ने कोर्ट के सामने आरोपियों के खिलाफ बयान दिया था. वहीं, जज एच सी शिंदे ने कहा, पीड़िता के बयान को स्वीकारा जा सकता है. पीड़िता ने अदालत को बताया कि, आरोपियों ने उसे धमकी दी थी कि अगर उसने इस बारे में किसी को बताया तो इसका अंजाम बहुत बुरा होगा.


10 रुपये के बहाने गैंग रेप को दिया अंजाम


वहीं, अदालत ने बचाव पक्ष की उस बात को खारिज कर दिया जो कहता है कि वो गलत पहचान का मामला है. कोर्ट ने कहा कि पीड़िता ने आरोपी की पहचान हमलावर के रूप में की है. जानकारी के मुताबिक, पीड़िता की मां ने पुलिस को रेप की खबर दी थी. उन्होंने पुलिस को बताया कि, उनकी बेटी को इन आरोपियों ने 10 रुपये देने की बात कह कर अपने साथ ले गए और उसके साथ गैंग रेप की वारदात को अंजाम दिया.


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