मुंबई: आज की तारीख में 1983 बैच के पुलिस अधिकारियों को कौन नहीं जानता है, इस बैच के पुलिस अधिकारियों ने कई गैंगस्टर्स को गोलियों से छलनी किया है. मुंबई में उस समय चल रहे गैंगवॉर को खत्म करने में इस बैच के पुलिस अधिकारियों ने अहम भूमिका अदा की. लेकिन इस बैच के कई लोग अक्सर विवादों में रहे हैं. हाल ही में मुंबई एनसीबी ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया जो इसी बैच के एक अधिकारी का लड़का है और ड्रग्स के गोरखधंधे में लिप्त है.


एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि गोरेगांव इलाके में एक लड़का एलएसडी नाम के ड्रग्स की सप्लाई करता है. जानकारी के आधार पर एनसीबी की एक टीम ने गोरेगांव इलाके में रेड की और वहां से 430 एलएसडी के ब्लोट्स बरामद किए. गिरफ्तार लड़के का नाम श्रेयष किंजले है.


छापेमारी के दौरान एनसीबी को इस लड़के के घर से चरस और गांजा भी मिला है. एनसीबी के अनुसार यह लड़का पिछले तीन साल से एलएसडी का काला कारोबार चला रहा था. साथ ही यह लड़का मुंबई में एलएसडी का एक बड़ा सप्लायर भी है जो यहां के कई पॉश इलाक़ों में एलएसडी सप्लाई किया करता था. एनसीबी के मुताबिक रिटायर असिस्टेन्ट कमिश्नर ऑफ पुलिस का लड़का श्रेयस अपने घर में भी ड्रग्स की खेप छुपाता था. यह ड्रग्स यूरोपियन देशों से डार्क नेट का इस्तेमाल कर मंगवाया जाता था.


इस मामले में जब एबीपी न्यूज़ ने श्रेयस के पिता पूर्व एसीपी अनंत से बात की तो उन्होंने बताया कि उनका पूरा जीवन देश की सेवा में समर्पित कर दिया, उनकी टीम ने अंडरवर्ल्ड के खिलाफ कई ऑपरेशन किये थे. एक दिन में 18 से 20 घंटे काम करते करते वे अपने घर पर ध्यान नहीं दे पाए और शायद इसका नतीजा यही निकला. उन्हें तो अब भी विश्वास नहीं होता कि उनका लड़का इस मामले में गिरफ्तार हुआ है. बता दें कि 83 के बैच से प्रदीप शर्मा, विजय सालस्कर, प्रफुल भोसले, रविन्द्र अंग्रे और विनायक सौदे जैसे अधिकारी हैं.


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