मुंबई: मुंबई में बीएमसी चुनाव के खंडित नतीजे आने के बाद से जारी गतिरोध के बीच एक नया फॉर्मूला सामने आया है. आरएसएस के वरिष्ठ विचारक एमजी वैद्य ने एबीपी न्यूज से बातचीत में कहा है कि बीजेपी और शिवसेना ढाई-ढाई साल के लिए अपना मेयर बिठा सकते हैं.


बृहन्मुंबई महानगर पालिका के चुनाव में बंटे हुए नतीजे आने के बाद से गतिरोध बरकरार है, लेकिन क्या जिस चुनाव के लिए बीजेपी और शिवसेना ने बरसों पुराना नाता तोड़ दिया अब उसी चुनाव के नतीजे दोनों को फिर दोस्त बना सकते है ?


पहल बीजेपी खेमे से ही हो रही है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बाद अब आरएसएसके वरिष्ठ विचारक एमजी वैद्य ने सुझाव दिया है कि दोनों पार्टियां ढाई-ढाई साल के लिए मेयर पद अपने पास रख सकती हैं और पहला मौका शिवसेना को मिलने चाहिए, क्योंकि उसके दो पार्षद ज्यादा हैं.


बीएमसी चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. हालांकि, शिवसेना सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है, लेकिन दूसरे नंबर पर रही बीजेपी भी सीटों के मामले में शिवसेना के करीब ही है. 227 सीटों वाली बीएमसी में शिवसेना को 84, बीजेपी को 82, कांग्रेस 31, एनसीपी को 7 और एमएनएस को 7 सीटें मिली हैं. बहुमत का आंकड़ा 114 होता है. अब तक जोड़ तोड़ में 4 पार्षद शिवसेना और एक पार्षद बीजेपी के साथ जाने का एलान किया है. ऐसे में कांग्रेस की अहमियत बढ़ गई है, लेकिन वैद्य के मुताबिक अगर शिवसेना कांग्रेस से गठबंधन करती है तो संकट महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार पर भी आ सकता है.