मुंबई: कोविड की वजह से मुंबई की लोकल ट्रेनों में अभी उन्हीं लोगों को आने-जाने की सुविधा है जो अति आवश्यक कार्यों से जुड़े हुए हैं, लेकिन कुछ और भी लोग हैं जिन्हें सरकार ने अति आवश्यक कार्य में लगा तो दिया है लेकिन आने जाने की सुविधा नहीं दी. उसमें से एक तबका है अध्यापकों का. मुंबई में अध्यापकों को 10वीं और 12वीं का रिजल्ट बनाने के लिए रोज कॉलेज आना पड़ रहा है, लेकिन लोकल ट्रेन में आने-जाने की सुविधा ना होने की वजह से उनके सामने खड़ी हो गई हैं आर्थिक और मानसिक दिक्कत. 


मुंबई के पास के उपनगरीय शहरों जैसे विरार, कल्याण, डोम्बिवली, अंबरनाथ से तमाम टीचर मुंबई के कॉलेज में टीचर की नौकरी करते हैं. इनके मुताबिक महाराष्ट्र सरकार का दबाव है कि जल्द से जल्द 12वीं के रिजल्ट बनाये जाएं. इसके लिए सभी अध्यापकों को कॉलेज बुलाया जा रहा है. 


एबीपी न्यूज़ ने इन अध्यापकों से बात की, जिनका कहना है कि शुरू में तो उन्होंने कैब या फिर बस से आना शुरू किया. लेकिन उसमें इतना ज्यादा पैसा खर्च हो रहा है कि उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है. इसलिए उन्होंने लोकल ट्रेन से आने की कोशिश की. टिकट विंडो पर उन्होंने अपना काम बताया, लेकिन टिकट नहीं दिया गया. मजबूरन उन्हें बिना टिकट लोकल ट्रेन की यात्रा करनी पड़ी. बिना टिकट यात्रा करना एक टीचर को यह शोभा नहीं देता, लेकिन मजबूरी में क्या करे. उन्हें 12वीं का रिजल्ट बनाना है उन्हें किसी भी तरह से कॉलेज पहुंचना है, मजबूरन वे बिना टिकट लोकल ट्रेन में सफर करने के लिए मजबूर हैं. 


हमारी बात उन महिला अध्यापकों से भी हुई जो करीब 100 किलोमीटर का सफर करके मुंबई के कॉलेज में 12वीं का रिजल्ट तैयार करने के लिए आ रही हैं. उनका कहना है कि करीब 7 घंटे उनके आने जाने में ही लग जाते हैं. रात हो जाती है जिसकी वजह से उन्हें डर भी लगता है और साथ में लोकल ट्रेन में बिना टिकट यात्रा करने का डर अलग से, आर्थिक और मानसिक रूप से हमारी स्थिति बहुत खराब हो रही है. 


लोकल ट्रेन की सुविधा ना मिलने की वजह से इन कॉलेज अध्यापकों को कितनी दिक्कत हो रही है और क्या इसके लिए सरकार से बात की गई. इस मुद्दे पर हमने मुंबई टीचर्स फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी मुकुंद अंधलकर से बात की. उन्होंने बताया कि हमने महाराष्ट्र शिक्षा मंत्री से इस समस्या पर कई बार शिकायत की. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भी इस समस्या से अवगत कराया. उन्होंने उसे आगे बढ़ा दिया लेकिन आज तक अभी अध्यापकों की समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया. जो अध्यापक 12वीं का रिजल्ट बनाने के लिए अति आवश्यक कार्य कर रहे हैं, जिन पर सरकार की तरफ से दबाव भी है आखिर उन्हें अभी तक लोकल ट्रेन में आने आने-जाने की सुविधा क्यों नहीं मिली.