नई दिल्ली: देश आज 69वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. इस मौके पर मुंबई में विपक्ष संविधान बचाने के बहाने एकजुट हुआ और संविधान बचाओ रैली निकाली. इस रैली में शरद पवार, शरद यादव, उमर अब्दुल्ला, हार्दिक पटेल, पृथ्वीराज चव्हाण, अल्पेश ठाकोर, संजय निरूपम समेत कई नेता पहुंचे.


विपक्ष की यह रैली डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर प्रतिमा से छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा (गेट वे ऑफ़ इंडिया) तक गई. इस रैली में काफी संख्य में लोगों ने हिस्सा लिया. विपक्ष की रैली के जवाब में बीजेपी ने तिरंगा यात्रा का आयोजन किया.


जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, ''आज हमारे पास जो भी वो संविधान की वजह से ही है. अगर संविधान सुरक्षित नहीं रहेगा तो फिर हमारे पास कुछ नहीं रहेगा. ये सरकार बनाम विपक्ष नहीं है, ये एनडीए बनाम यूपीए भी नहीं है. ये सिर्फ देश के संविधान के लिए है.''


दरअसल कुछ दिन पहले केंद्रीय मंत्री अनंतकुमार हेगड़े ने संविधान को लेकर एक विवादित बयान दिया था. हेगड़े के इसी बयान को आधार बनाकर विपक्ष ने संविधान बचाओ रैली का आयोजन किया है.


हेगड़ ने कहा था कि 'वे लोग जो अपनी जड़ों से अनभिज्ञ होते हुए खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं, उनकी खुद की कोई पहचान नहीं होती. उन्हें अपनी जड़ों का पता नहीं होता. लेकिन वे बुद्धिजीवी होते हैं.'' उन्होंने कहा कि वे संविधान का सम्मान करते हैं लेकिन आने वाले समय में ये बदलेगा. हम उसी के लिए यहां हैं और इसलिए हम आए हैं.


शिवसेना ने दोनों रैलियों से अपनी दूरी बनाए रखी. शिवसेना मोदी सरकार में अभी शामिल है और महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार में भी शिवसेना के मंत्री हैं । 2014 के लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियां साथ लड़ी थी.