समंदर में अब भारतीय नौसेना से टकराना दुश्मनों के लिए आसान नहीं होगा. भारतीय नौ सेना की सेवा में जल्द ही एक और पनडुब्बी शामिल होने वाली है. समुद्री सरहदों की रक्षा के लिए आईएनएस वागशीर (INS Vagsheer) सबमरीन जल्द ही भारतीय नौसेना का हिस्सा बनेगी. आईएनएस वागशीर पनडुब्बी 20 अप्रैल को लॉन्च की जाएगी. प्रोजेक्ट-75 के तहत छठी पनडुब्बी जल्द ही भारतीय सेवा में दाखिल होगी. इस पनडुब्बी से भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ेगी.आईएनएस वागशीर पनडुब्बी 20 अप्रैल को लॉन्च की जाएगी. इस पनडुब्बी का निर्माण पूरा हो चुका है. लगभग 40 फीसदी भारतीय निर्मित उपकरण इस पनडुब्बी में लगाए गए हैं.
INS वागशीर 20 अप्रैल को होगी लॉन्च
आईएनएस वागशीर 20 अप्रैल को लॉन्च होने के बाद 12 महीने तक पनडुब्बी का समुद्र में परीक्षण किया जाएगा, जिसके बाद यह भारतीय नौसेना में प्रवेश करेगी. आईए जानते हैं कि INS Vagsheer की क्या विशेषताएं हैं?
आईएनएस वागशीर की विशेषताएं
1. यह पनडुब्बी स्कॉरपीन यान कलावरी क्लास डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन है
2. आईएनएस वागशीर बेहद आधुनिक नैविगेशन, ट्रैकिंग सिस्टम से लैस है
3. दुश्मन देशों की चालों को बेकार किया जा सके इसलिए इसमे कई तरह के हशियारों को भी शामिल किया गया है
4. कम शोर से दुश्मन को आसानी से गुमराह करने की क्षमता के साथ 18 टॉरपीडो रखने के लिए आईएनएस वागशीर में क्षमता है
5. इसके साथ ही छह टॉरपीडो एक साथ दुश्मनों की तरफ छोड़े जा सकते हैं
6. साथ ही जहाज रोधी मिसाइलें पनडुब्बी की खासियत है. यह पनडुब्बी 50 दिनों तक पानी में रह सकती है
आईएनएस वागशीर पनडुब्बी की आंतरिक तकनीक फ्रांसीसी और एक स्पेनिश कंपनी द्वारा अधिग्रहित की गई है. जबकि निर्माण भारतीय शैली में किया गया है. प्रोजेक्ट-75 के तहत अब तक भारत की सुरक्षा के लिए 5 अत्याधुनिक पनडुब्बियों को तैनात किया गया है. भारत की युद्ध क्षमता बढ़ाने वाली इस सीरीज की यह आखिरी पनडुब्बी है. साथ ही अत्याधुनिक तकनीक और क्षमता से लैस है.
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