मुंबई: सस्ती दवा लोगों तक उपलब्ध कराने के प्रयास में 18 साल के नौजवान ने इतिहास रच दिया है. जेनेरिक आधार नामक फार्मा कंपनी की शुरुआत करके लोगों तक सस्ती दवा उपलब्ध कराने का ऐतिहासिक कदम इस नवजवान ने उठाया है. मुंबई के ठाणे शहर में रहने वाले 18 साल के अर्जुन देशपांडे 12वीं कक्षा में पढ़ते हैं लेकिन पढ़ाई के साथ इस नौजवान ने एक कंपनी खड़ी कर दी है जो लोगों को सस्ती दवाइयां उपलब्ध करा रही है.


मां से मिला इस फील्ड में काम करने का आइडिया


अर्जुन को दरअसल इस फील्ड में काम करने का आइडिया उनकी मां से मिला. उनकी मां फार्मा कंपनी में इंटरनेशनल लेवल पर दवाइयों के डिस्ट्रीब्यूशन का काम देखती हैं. इसी सिलसिले में अर्जुन की मां का विदेशों के लिए दौरा भी होता है. साथ में जब कभी वह अर्जुन को ले जाती थीं तो वे बहुत ध्यान से सारी बातों को सुनते थे और काम को समझते थे. इन्हीं सब आइडिया के आधार पर उन्होंने जेनेरिक आधार नामक कंपनी की शुरुआत की है.


रतन टाटा ने भी मदद के लिए बढ़ाए हाथ


अर्जुन की मां बताती है कि 18 साल के नौजवान का मुंबई के पास ठाणे शहर में एक दफ्तर है. देश के करीब 100 शहरों में उसने अपनी कंपनी जेनेरिक आधार के स्टोर खोल दिए हैं और उसने उद्देश बनाया है कि वह लोगों को सस्ती दवाइयां तो उपलब्ध कराएगा, साथ ही उसके काम से लोगों को रोजगार का मौका भी मिलेगा. चार शहरों से शुरू हुआ उसका ये काम अब करीब 100 शहरों तक फैल चुका है. इस फार्मा स्टार्टअप कंपनी के साथ उद्योगपति रतन टाटा ने भी मदद के हाथ बढ़ाए हैं.


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