मुंबईः देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से करीब 60 किमी दूर विरार के पास वज्रेश्वरी रोड के पास तानसा नदी बहती है. इस नदी के पानी का इस्तेमाल मुम्बई वासियों की प्यास बुझाने के लिए भी किया जाता है. वहीं इसी तानसा नदी पर खड़ा करीब 70 साल पुराना पुल अब काफी बूढ़ा हो चुका है.
इस जर्जर पुल की हालत से चिंतित आसपास के गांव वाले बताते हैं कि बारिश के दिनों में यह पुल पूरी तरह से डूब जाता है करीब दर्जन भर गांवों का संपर्क शहर से कई दिनों तक टूट जाता है ऐसे में अगर कोई बीमार होता है या किसी प्रैग्नैंट महिला को अस्पताल तक पहुंचाना होता है तो गांव वालों के सामने एक बड़ी मुश्किल खड़ी हो जाती है. इसके साथ ही जर्जर हो चुके इस पुल से हर समय यहां से गुजरने वाले लोगों और गाड़ियों को खतरा बना रहता है.
एबीपी न्यूज़ की टीम जब इस जर्जर पुल के पास पहुंची तो वहां कुछ शिवसेना और कांग्रेस के स्थानीय नेता भी पहुंच गए. उन लोगों ने बताया कि इस पुल की जगह पर दूसरा पुल बनवाने के लिए वह 15 साल से महाराष्ट्र सरकार से गुहार लगा रहे हैं. दो-तीन बार पुल को बनाने का काम भी शुरू हुआ लेकिन उसे अधर में ही रोक दिया गया. अब फिर से महाराष्ट्र सरकार में बैठे यहां के नेताओं ने उन्हें आश्वासन दिया है कि इस बारिश से पहले यह पुल बनकर तैयार हो जाएगा और पीड़ित गांव वाले भरोसा भी कर चुके है.
फिलहाल इस पुल के पास कुछ मजदूरों ने अपना डेरा जमा लिया है. गांव वालों को फिर उम्मीद बंधी है की पुल फिर बनने वाला है. वहीं देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई की प्यास बुझाने वाली तानसा नदी का ये जर्जर पुल महाराष्ट्र सरकार की लापरवाही का एक नमूना बन गया है. अब सवाल यह है कि क्या आने वाली बारिश से पहले यहां कोई नया पुल बनाया जा सकेगा.
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