मुंबई: मुंबई के प्रसिद्ध और सबसे बड़े गणेश मंडल लालबाग का राजा गणेश मंडल ने इस बार ''गणेशोत्सव'' नहीं मना कर ''आरोग्य उत्सव'' मनाने का बड़ा फैसला लिया है. मंडल ने 1934 से चली आई परंपरा को तोड़कर कोरोना काल में भगवान के दरबार में भगवान की नहीं तो जनता की सेवा करने का फ़ैसला किया है. लालबाग के राजा गणेशउत्सव मंडल के सचिव सुधीर दलवी ने एबीपी न्यूज़ से कहा, ''हमने 11 दिन का आरोग्य उत्सव मनाने का फ़ैसला किया है. हम गणेश उत्सव के 11 दिनों में ब्लड डोनेशन कैंप और प्लाजमा बैंक बनाएंगे जिससे कोरोना के मरीज़ों की भगवान के माध्यम से सेवा हो सके.''
मंडल ने मुख्यमंत्री राहत कोष में 25 लाख रुपये दिए है. साथ भारत चीन विवाद में शहीद हुए जवान और कोरोना से लड़ते शहीद हुए मुंबई पुलिस के परिवार को सम्मानित करने का भी फ़ैसला लिया है.
75000 मरीज़ों के साथ मुंबई देश का सबसे प्रभावित शहर
कोरोना का महामारी से सबसे प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है वहीं 75000 मरीज़ों के साथ मुंबई देश का सबसे प्रभावित शहर भी है. यहां रोजाना मरीज़ों की संख्या बढ़ रही है, अस्पताल में बेड नहीं तो प्लाज़्मा और खून की कमी से भी मरीज़ों की जान जा रही है. मुंबई का डेथ रेट 5.7% है. ऐसे में प्लाज़्मा और ब्लड बैंक बनाकर मरीज़ों की जान बचाना ही सही गणेश भक्ति होगी ऐसा मंडल का मानना है.
लालबाग के राजा इस भगवान को मन्नतों का राजा भी माना जाता. क्या आम क्या ख़ास सभी इनके दरबार पर मन्नत लेकर पहुंचता और मनोकामना पूरी होने पर भगवान के दर पर वापस लौटते हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, अमिताभ बच्चन, उद्योगपती मुकेश अंबानी, सचिन तेंडुलकर से लेकर कई बड़ी जानीमानी हस्तियां इनमें आस्था रखते हैं.
लेकिन इस बार इस भगवान के दर्शन नहीं हो पाएंगे. मंडल के इस निर्णय के पीछे की सबसे बड़ी वजह है यहां आने वाली भीड़. हर गणेशउत्सव में 20-25 लाख से ज्यादा लोग लालबाग के राजा के दर्शन करने पहुंचते हैं. भली ही कोरोना काल हो लेकिन अगर लालबाग के राजा की स्थापना की गई तो जनता दर्शन करने पहुंच सकती और अगर भीड़ पहुंची तो उन्हें क़ाबू करना भी बेहद मुश्किल होगा. ऐसे में मुंबई पुलिस के साथ हुई बैठक के बाद लालबाग के इस मंडल में ये ऐतिहासिक निर्णय लिया जो बेहद सराहनीय है.
केवल 4 फ़ीट की होगी गणेश जी की प्रतिमा
राज्य के मुख्यमंत्री ने भी मुंबई के बड़े गणेश मंडलों से गुज़ारिश की थी इस बार गणेश उत्सव सादगी से मनाया जाए ताकि कोरोना संक्रमण फैलने का ख़तरा ना रहे. मुख्यमंत्री की अपील पर लालबाग के गणेश गल्ली मंडल जिसे मुंबई का राजा के नाम से जाना जाता ने 22 फुट की प्रतिमा के बजाए केवल 4 फ़ीट के गणेशजी प्रतिमा की स्थापना करके पिता अर्चना करने का निर्णय लिया साथ ही लोगों को ऑनलाइन दर्शन उपलब्ध करने का निर्णय भी लिया.
लालबाग, परेल, कालाचौकी, गिरगांव ये मुंबई की वो जगहें हैं जहां गणेशउत्सव में सबसे ज़्यादा रौनक़ होती, और लाखों का जन सैलाब यहां गणेशजी के दर्शन करने पहुंचता है. यहाँ के भव्य दिव्य गणेश प्रतिमा भक्तों को बेहद आकर्षित करती है.
सभी बड़े गणेश मंडलों की मुख्यमंत्री से भी मुलाक़ात
कोरोना ने सालों की परंपरा तोडडी जरुर है लेकिन भक्तों की भक्ति और गणेश उत्सव मनाने का हौसला नहीं. कोरोना से लड़ते हुए कैसे इस उत्सव को मनाया जाए इसके लेकर सभी बड़े गणेश मंडलों की मुख्यमंत्री से भी मुलाक़ात हुई. इस मुलाक़ात के बाद कई मंडलों ने ऐसे फ़ैसले लिए जो आज तक कभी ना लिए गए..
इस वर्ष 'परल का राजा' 23 फीट लंबा नहीं, केवल तीन फीट की एक छोटी गणेश प्रतिमा का पूजन करेंगे. ‘मुंबई का राजा’ गणेशगल्ली ने भी उत्सव के लिए सदस्यों और लोगों से चंदा नहीं लेने का निर्णय लिया है और खर्च कम करने पर काम शुरु किया है.
खेतवाड़ी में भी सरल तरीके से गणेशोत्सव मनाया जाएगा. जीएसबी सार्वजनिक गणेश उत्सव मंडल समिति ने फरवरी 2021 में माघी गणेश जयंती पर गणेशोत्सव का आयोजन करने का निर्णय लिया है.
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