मुंबईः महाराष्ट्र राज्य में कोरोना के मामले कम होने का नाम नही ले रहे हैं और इस वायरस से महाराष्ट्र की जेल में कैद कैदी भी नही बच पा रहे हैं, हाल ही में उच्च न्यायालय ने कोरोना का राज्यव्यापी जेलों होने वाले असर को लेकर सुमोटो की याचिका पर सुनवाई की जिसमे महाराष्ट्र पुलिस द्वारा बताया गया कि वर्तमान समय में सभी जेलों में 244 कोरोना पॉजिटिव कैदी हैं. इस दौरान यह भी जानकारी मिली कि आज तक जेल में 64,000 कैदियों का कोरोना टेस्ट किया जा चुका है. पिछले सप्ताह 4,000 कैदियों का कोरोना टेस्ट किया गया था.
कोरोना की परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए कोरोना पॉजीटिव पाए जाने या फिर कुछ लक्षण दिखने पर दूसरे कैदियों को भी क्वारंटाइन किया जाता है. इसी का फायदा उठाकर भायखला जेल से तीन आरोपी भागने की फिराक में थे पर ऐन मौके पर मिली एक चिट्ठी ने उनकी भागने की प्लानिंग पर पानी फेर दिया.
जेल के सूत्रों ने बताया कि भायखला जेल के पास एस पाटनवाला स्कूल है जहां पर कैदियों को क्वारंटाइन किया जाता है, इसी क्वारंटाइन सेंटर के बाहर ड्यूटी पर तैनात लोकल आर्म्स- 2 विभाग के कॉन्स्टेबल ने अचानक से देखा कि एक खिड़की के पास एक चिट्ठी गिरी हुई है जब उसने उस चिट्ठी को खोला तो उंसमे लिखा था कि "मैं जेल पुलिस की मदद करना चाहता हूं."
जिसके बाद जेल अधिकारी भारत पाटिल को इस बात की जानकारी दी और वहां सुरक्षा और भी बढ़ा दी गयी. इसके बाद जब क्वारंटाइन सेंटर की बारीकी से जांच की गई तो पता चला कि उस सेंटर के एक रूम की खिड़की की ग्रिल किसी ने काट दी थी ताकि मौका मिलते ही फरार हो सके.
जांच के दौरान पता चला कि यह कारनामा जेल के तीन कैदियों का है. तीनों की पहचान हो गई है. तीनों के नाम मनोज गुजर, 35; माज खान, 34; और अंकुश जाधव, 42 है.
इसके बाद उनकी की गई इस करतूत के बाद उन्हें और भी सुरक्षित क्वारंटाइन में शिफ्ट किया गया और स्कूल की सुरक्षा और भी बढ़ा दी गयी. इस घटना के बाद जेल अधिकारी भारत पाटिल ने इसकी जानकारी भायखला पुलिस को दी जिसके बाद तीनों कैदियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 224, 427, 506, 511, और 34 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
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