मुंबई: जो लोग दूसरों का पेट भरते थे आज उनके मुंह का निवाला छिन गया है. लॉकडाउन की एक बड़ी मार मुंबई के डिब्बावालों पर भी पड़ी है. मुंबई में करीब 5 हजार डिब्बावाले हैं जो कि लोगों के घरों से खाने का डिब्बा उठाते हैं और उन्हें उनके दफ्तरों तक पहुंचाते हैं. आज ये लोग बेरोजगार हो चुके हैं. लोकल ट्रेनों के बाद इन डिब्बा वालों को मुंबई की दूसरी लाईफलाईन कहा जाता है. मुंबई के डिब्बा वाले दुनियाभर में मशहूर है और कई बडे मैनेजमेंट संस्थानों में इनके सिस्टम के बारे में पढ़ाया जाता है.


एबीपी न्यूज ने कई डिब्बा वालों से बात की और लॉकडाऊन के दौरान उनकी आपबीती जानी. मुंबई के आरे कॉलोनी की झुग्गी बस्ती में अपने परिवार के साथ रहने वाले कुंडलिक पोकले पिछले तीन महीने से ये बेरोजगार हैं. जो पैसे बचा रखे थे उसी से इनका गुजारा हो रहा है. पोकले की तरह ही तीन बच्चों के पिता रोहिदास सावंत की हालत भी खराब है. बेरोजगारी की वजह से बचत के पैसे तो खत्म हो ही रहे हैं, लेकिन इसके साथ साथ इनपर कर्जा चढ़ रहा है वो अलग. घर का किराया चुकाना मुश्किल हो रहा है.


पिछले कई दिनों से डिब्बावालों की ऐसी साईकिलें धूल खा रहीं हैं. मुंबई के ये वे डिब्बावाले हैं जिनके नेटवर्क के बारे में हार्वड यूनिवर्सिटी जैसे संस्थानों में मैनेजमेंट पढ़ाया जाता है. इनसे शायद ही गलती होती हो कि किसी का डिब्बा किसी और के यहां पहुंच गया हो. ब्रिटेन का राजघराना भी मुंबई के इन डिब्बावालों को पसंद करता रहा है. प्रिसं चार्लस डिब्बावालों के काम करने के तरीके से प्रभावित रहे हैं. शाही समाराहों में इन डिब्बावालों को न्यौता भेजा जाता है. आज डिब्बावाले अपनी इस हालत से मजबूर होकर सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.


फिल्मस्टार संजय दत्त और सुनील शेट्टी का दिल मुंबई के डिब्बा वालों के दर्द से पसीजा है. संजय दत्त ने ट्वीट किया – डिब्बावाले दशकों से हमारी सेवा कर रहे हैं और कई सारे मुंबई वालों का खाना पहुंचाते आये हैं. यही वक्त है कि हम सामने आकर उनकी मदद करें.


संजय दत्त की तरह ही अभिनेता सुनील शेट्टी ने भी ट्वीट किय़ा – मुंबई में बडे होते हुए मैने उन्हें फूड सर्विस की लाईफलाईन के तौर पर देखा है. मैं तुम्हारे साथ हूं.


महाराष्ट्र सरकार में मंत्री असलम शेख ने इन्हें भरोसा दिलाया है कि आर्थिक मदद दिलाने के लिये वे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात करेंगे.


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