नई दिल्ली: साउथ बॉम्बे में रहने वाली दो बहनें अलीशा और रैना जो सिर्फ 12 और 7 साल की है, इन बहनों ने गरीब बच्चों को मदत करने के लिए रुबिक क्यूब की क्लास शुरू की. बिल्डिंग के बच्चों को ये दोनों बहनें 10 क्लासेस में गेम को खेलना सिखाते हैं और अपने विधार्थियों से 1000 रुपए की फीस लेती है. इस फीस से जमा की गयी राशी Araj Foundation नामक एक संस्था को जाती है जो गरीब बच्चों की पढाई लिखाई और ज़रूरतों को पूरा करता है.
अलीशा इतनी छोटी होने के बावजूद लोगों का भला करने का सोच रही है. घर बैठे वह पैसे कैसे कमाए और कैसे लोगों को मदत करे? ये विचार अलीशा की छोटी बहन रैना ने दिया था. इन दोनों बहनों को रुबिक क्यूब अच्छे तरीके से आता है, इसीलिए ये बिल्डिंग मे जितने बच्चे हैं उन्हें सिखाते है. इन विधार्थियों में एक महिला पड़ोसी भी है जो नन्ही अलीशा से सीखने में दिलचस्पी रखती है.
अलीशा ने इस का को अपने पापा से सीखा है और अपने पिता से प्रभावित हो कर उसने दूसरों को सिखाने का निर्णय लिया. वहीं रैना 7 साल की होने के बावजूद बहुत अच्छे से इस गेम को सुलझा लेती है. हालांकि ये गेम बोहोत मुश्किल है लेकिन अलीशा इसे 1 मिनट में सुलझा लेती है.
अलीशा और रेना का पूरा परिवार इनके इस कदम पर गर्व महसूस करता है. अबतक इन्होंने 20000 रुपये कमाए है और पूरा पैसा आरज् फाउंडेशन (Araj Foundation) के पास जाता है जो गरीब बच्चे और उनकी पढाई लिखाई में उनकी मदत करता है.
माता पिता के संस्कार और परवरिश ही बच्चों के मन में हमदर्दी और इंसानियत लाते है. कुछ इसी तरह से अलीशा और रेना के माता पिता के संस्कारों के वजह से इन छोटी लड़कियों में अपने देश के लिए कुछ करने का जज़्बा है. अपनी कला से कमाए हुए पैसे ये बहने किसी ज़रूरत मंदों को मदत कर एक बोहोत ही अच्छा उदाहरण देश के बच्चों के लिए दे रहे है.
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