हाई लेवल की टीम सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को स्थापित करने में राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों की सहायता करेगी और आवश्यक नियंत्रण और रोकथाम उपायों के संचालन की सुविधा प्रदान करेगी. मुंबई के गोवंडी इलाके के रफी नगर में 26 और 27 अक्टूबर को 48 घंटों में तीन छोटे बच्चों की मौत हुई थी. ये सारे बच्चे मीजल्स यानी खसरा की बीमारी संक्रमित थे.
बीमारी का प्रकोप बढ़ रहा है
बॉम्बे मुंसिपल कॉरपोरेशन (BMC) ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया, मुंबई के एम ईस्ट वार्ड समेत कुछ अन्य इलाकों में भी खसरा की बीमारी का प्रकोप बढ़ रहा है. बॉम्बे मुंसिपल कॉरपोरेशन ने सभी वार्ड अधिकारियों को सतर्क रहने का दिया निर्देश. मुंबई में मंगलवार (8 नवंबर) को बॉम्बे मुंसिपल कॉरपोरेशन (BMC) ने 914 घरों का सर्वे किया और 4,086 लोगों की स्क्रीनिंग की, जिनमें से 13 संदिग्धों को बुखार और रैशेज होने की पहचान हुई. मुंबई में अब तक मीजल्स और रूबेला की बीमारी के 90 मामले रिपोर्ट हो चुके हैं. इस बीच मुंबई महानगर पालिका ने और केंद्र ने मीजल्स की बीमारी का मुंबई में आउटब्रेक होने की पुष्टि की है.
3 सदस्यीय टीम का गठन
मुंबई में फैले खसरे की जांच के लिए 3 सदस्यीय टीम का गठन हुआ, जिसमें केंद्रीय टीम में नई दिल्ली स्थित नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC), नई दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (LHMC)और महाराष्ट्र के पुणे स्थित स्वास्थ व परिवार कल्याण के लिए क्षेत्रीय कार्यालय के विशेषज्ञ शामिल हैं. इस टीम की कमान NCDC के इनट्रिगेटेड रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) के उप निदेशक डॉ. अनुभव श्रीवास्तव को सौंपी गई हैं.
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