मुंबई: 28 साल के युवक की मौत पर हंगामा, परिवार ने अस्पताल पर लगाया किडनी निकाल कर शव जलाने का आरोप
इस पूरे मामले में सायन अस्पताल ने मोर्चरी के दो स्टाफ को निलंबित किया है और इस बड़ी लापरवाही में दोषियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं.
महाराष्ट्र: मुंबई का सायन अस्पताल फिर से सवालों के घेरे में है. अस्पताल में 28 साल के युवक की मौत हो जाने के बाद अस्पताल ने युवक का शव दूसरे परिवार को सौंप दिया. शव का कुछ ही घंटों के अंदर अंतिम संस्कार कर दिया गया. परिवार का आरोप है कि अस्पताल के डॉक्टर्स ने युवक की किडनी निकाल कर उसका शव जलाया है. अस्पताल पर किडनी रैकेट में शामिल होने का आरोप लगाया है. इस लापरवाही के चलते अस्पताल प्रशासन ने मोर्चरी के दो लोगों को निलंबित किया है और जांच के आदेश दिए हैं.
क्या है पूरा मामला दरअसल अस्पताल में 28 साल के अंकुश की अचानक से मौत हो गई. अंकुश सुरवड़े को सायन अस्पताल में 28 तारीख को भर्ती किया गया था. 28 तारीख को हाईवे पर अंकुश का एक्सीडेंट हुआ, जिससे अंकुश के सिर पर गहरी चोट लगी थी. इलाज के लिए अंकुश को लोगों ने सायन अस्पताल में भर्ती कराया. अंकुश के दोस्त तुषार, उनकी बहन जयश्री और अस्पताल में वीडियो बनाने वाले व्यक्ति से एबीपी न्यूज़ ने बात की. परिवार ने अपनी आप-बीती सुनाते हुए सायन अस्पताल पर बेहद गंभीर आरोप लगाए. परिवार का साफ तौर पर यह आरोप है कि अस्पताल के डॉक्टर्स ने अंकुश का सही तरीके से इलाज नहीं किया. अंकुश के मरने पर उसकी किडनी निकली और अपनी करतूत को छिपाने के लिए अंकुश के शव को 54 साल के आदमी के शव से बदल कर उसका अंतिम संस्कार कर दिया.
तुषार का अस्पताल पर आरोप है कि जिस दिन अंकुश को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, अस्पताल के स्टाफ ने उसे भर्ती करने से लेकर इलाज करने तक बहुत नाटक किया. 8 घंटे बाद उसका इलाज शुरू किया गया. रविवार को हमें अस्पताल द्वारा अंकुश के अचानक से मौत की खबर दी जाती है. सुबह हमने अंकुश के शव को देखा तो हमने अंकुश के पेट पर टाके के निशान पाए जो उसके शरीर पर नहीं थे. हमने अस्पताल के डॉक्टर्स से पूछा तो हमें जवाब दिया गया कि अंकुश के इलाज के लिए हमने उसके सिर का एक हिस्सा निकाल कर उसके पेट में लगाया है. हमने अंकुश के शव को शाम को ले जाने का फैसला किया. लेकिन शाम को आने पर हमें अंकुश का शव नहीं मिला. बहुत तलाशने पर पूछने पर हमें एक 54 साल के आदमी की सड़ी हुई लाश सौंप दी जाती है.
अंकुश के दोस्त तुषार और जितेश के मुताबिक अंकुश का शव मांगने पर उन्हें अस्पताल की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया. तो दोंनो ने खुद ही शव को मोर्चरी में जाकर खोजना शुरू किया और पाया कि एक भी शव पर पहचान के लिए टैग नहीं लगाया गया है. दबाव बनाने पर अस्पताल द्वारा उन्हें एक शव सौंपा जाता है जो किसी और का था. तुषार और जितेश शव की शक्ल देखने की ज़िद करते हैं तब पाते हैं कि वह शव किसी 54 साल के आदमी का था. बाद में दोनों को पता चलता है कि अंकुश का शव किसी अन्य परिवार को सौंप दिया गया है और अंकुश का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया है.
तुषार, जितेश और उनकी बहन जयश्री का अस्पताल पर गंभीर आरोप है कि अस्पताल ने इलाज के नाम पर उनके भाई के शरीर से किडनी निकाली है. सभी का आरोप है कि सायन अस्पताल में सभी मरीजों का यही हाल है. कई ऐसे मरीजी अस्पताल में हैं जो अपने परिजन के शव को तलाश रहे थे.
वहीं सायन अस्पताल पर लग रहे आरोपों पर राजनीति भी तेज हो गई है. सायन से भाजपा के MLA तमिल सिलवन ने बीएमसी और उसके अस्पतालों पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि यहां इलाज के नाम पर मरीजों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. अंकुश के शरीर से किडनी निकली गई है. इसके खिलाफ हम मामला दर्ज करेंगे. यदि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है तो हम अस्पताल के बाहर धरने पर बैठेंगे.
इस पूरे घटना के बाद आरोपों से घिरी सायन अस्पताल के डीन मोहन जोशी से हमने बात करने की कोशिश की. लेकिन डीन द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया. हालांकि इस पूरे मामले में सायन अस्पताल ने मोर्चरी के दो स्टाफ को निलंबित किया है और इस बड़ी लापरवाही में दोषियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं.
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