Maharashtra Flat Fraud: महाराष्ट्र पुलिस ने जाली सरकारी कागजातों से बनाई गई इमारतों के महाघोटाला मामले में जांच शुरू कर दी है. इसमें 55 से ज्यादा बहुमंजिला इमारतें अवैध हैं और करोड़ों के घोटाले का अनुमान लगाया गया है. इस मामले की जांच के बाद महानगर पालिका के अधिकारियों की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं. 


दरअसल, मुंबई के पास वसई विरार शहर में एक बड़े घोटाले का मामला सामने आया है. अब यहां धीरे-धीरे बिल्डर्स का फर्जीवाड़ा सामने आने लगा है. शहर में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सैकड़ों इमारतें खड़ी कर दी गई हैं. पता चला है कि 55 से ज्यादा इमारतें जो बनाई गई हैं वो फर्जी सरकारी दस्तावेजों की मदद से बनी हैं. 


पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार 


इस घोटाले के सामने आने के बाद हजारों परिवारों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. एबीपी न्यूज़ के मुताबिक, अनुमान है कि करीब 3000 हजार करोड़ का घोटाला हुआ है. पालघर के वसई विरार पुलिस ने इस मामले में उस जालसाज को गिरफ्तार किया है, जिसने नकली मुहर, नकली लेटर पैड का इस्तेमाल करके जाली सरकारी कागजात बनाए थे. 


पुलिस ने इस आरोपी के पास से कई विभिन्न सरकारी अधिकारियों, सरकारी विभागों के जाली दस्तावेज बनाने का सामान बरामद किया. जांच के बाद पता चला कि वसई विरार में जाली सरकारी दस्तावेज बनाने का काम सालों से चल रहा है. फिलहाल पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है , कई बिल्डरों से पूछताछ चल रही है.


फरवरी महीने में सामने आया था मामला 


दरअसल, बीते फरवरी महीनें में वसई विरार महानगर पालिका के एक अधिकारी ने पुलिस स्टेशन में ये मामला दर्ज कराया था कि विरार में रुद्रांश अपार्टमेंट फर्जी दस्तावेजों पर बनी है. पुलिस ने इसकी जांच शुरू की. पुलिस ने पाया कि इस इमारात में इस्तेमाल किए गए सरकारी दस्तावेज जैसे ओसी, सीसी, अन्य सरकारी कागजात जाली हैं. 


इसके बाद पुलिस ने जमीन के मालिक और बिल्डिंग बनाने वाले बिल्डर से जब पूछताछ की तो उन्होंने दो ऐसे आरोपियों का नाम बताया जो जाली सरकारी दस्तावेज बनाने का काम करते हैं. पुलिस ने विरार में ही उनके ठिकाने पर छापा मारा और भारी दातात में नकली मुहर और जाली पेपर बरामद हुए.


मामले को लेकर पुलिस का बयान 


विरार के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर, राजेंद्र कांबले ने बताया कि इन आरोपियों के पास से जो दस्तावेज और फाइल मिली हैं वो चौंकाने वाली हैं. वसई विरार की फिलहाल 50 से ज्यादा इमारतों के नाम और कागजात जांच के लिए वसई विरार महानगर पालिका और रेरा के पास भेजे गए हैं. रेरा ने इनमें से कई कागजातों के जाली होने की पुष्टि भी की है. ऐसे में सवाल ये भी खड़ा हो रहा है कि इसकी भनक वसई विरार महानगर पालिका को क्यों नहीं लगी.


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