सच्चाई का सेंसेक्स: कोरोना से जूझ रही महिला पुलिसकर्मी की किसी ने मदद नहीं की? सच जानिए
सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो में दावा कर रहा है कि मुंबई के आरके होटल के पास एक महिला पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित हो गई. उसके आसपास पुलिसवाले खड़े हैं लेकिन उसकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आया.
मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई कोरोना कैपिटल बनकर सामने आ रही है. मुंबई में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बीच वॉट्सऐप पर एक महिला पुलिसकर्मी का वीडियो वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो के जरिए दावा है कि कोरोना से जूझ रही महिला पुलिसकर्मी को उसके साथी पुलिसकर्मी मदद नहीं कर रहे. सच्चाई के सेंसेक्स में हमने इस दावे की तहकीकात का पता लगाया.
वायरल वीडियो में क्या है वीडियो रात के वक्त का है. 56 सेकेंड के वायरल वीडियो में एक सफेद रंग की स्कूटी दिख रही है. इस स्कूटी का सहारा लिए एक महिला मौजूद है. दावा है कि ये मुंबई की महिला पुलिसकर्मी है. वीडियो किसी ने अपनी बालकनी में खड़े होकर बनाया है.
वीडियो बनाने वाला शख्स दावा कर रहा है कि ये आरके होटल के नीचे पुलिसकर्मियों की ड्यूटी थी. एक लेडीज पुलिसकर्मी को कोरोना हो गया है. पीड़िता को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. सारे पुलिस वाले पास में खड़े हैं लेकिन कोई उसे छू नहीं रहा है. जब एक पुलिसकर्मी के लिए एंबुलेंस जल्दी नहीं आ रही है तो आम लोगों का क्या हाल होगा.
क्या है वीडियो की सच्चाई वीडियो बनाने वाला पता भी बता रहा था. दावे के मुताबिक, ये मुंबई की ग्रांट रोड पर आरके होटल के नीचे की घटना है. दावे का सच जानने के लिए हमने मुंबई में तहकीकात की. सच जानने के लिए हम ग्रांट रोड पर आरके होटल के पास पहुंचे. ये वो ही सड़क है जहां वीडियो बनाया गया था. यहां पता चला कि आरके होटल को क्वॉरंटीन सेंटर बनाया गया था. इसी सेंटर पर महिला पुलिसकर्मी प्रीति सुरेश गवारी की ड्यूटी लगाई गई थी. जिसकी तबीयत खराब हुई.
घटना के चश्मदीद सैयद शादाब ने बताया, एक लेडीज पुलिसकर्मी थी, जिनकी यहां पर ड्यूटी लगी थी. उन्हें सांस में अचानक कुछ दिक्कत होने लगी थी. एंबुलेंस आई उनको लेकर गई. दो घंटे बाद देखा कि वो खुद आकर अपनी स्कूटी लेकर गई. दावे के मुताबिक महिला पुलिसकर्मी को कोरोना हुआ था लेकिन सवाल ये है कि जो महिला ढाई घंटे कोरोना की वजह से पहले सांस ना ले पा रही हो वो ढाई घंटे बाद ठीक होकर अपनी स्कूटी चलाकर कैसे निकल गई.
मामले की तहकीकात को आगे बढ़ाया तो पता चला महिला पुलिसकर्मी की अपने माता पिता के साथ किसी बात को लेकर अनबन हो गई थी. महिला का बीपी लो हो गया था. इसलिए वो सांस नहीं ले पा रही थी. लेकिन सांस लेने में दिक्कत आना, कोरोना के लक्षणों में से एक है. इसलिए बाकी पुलिसकर्मी प्रीति से उचित दूरी बनाए हुए थे.
डीसीपी राजीव जैन ने भी इस वीडियो पर जवाब देते हुए कहा कि प्रीति सुरेश गवारी को लो ब्लड प्रेशर की शिकायत थी. उसका रिलायंस अस्पताल में इलाज भी हुआ. प्रीति का कोरोना टेस्ट निगेटिव आया है. हमारे दावे में ये वीडियो सच्चा निकला. लेकिन महिला पुलिसकर्मी को कोरोना है और उसे मदद नहीं मिली ये दावा झूठा साबित हुआ है.
य़हां देखें वीडियो
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