मुंबई: मुंबई की लाइफ लाइन मानी जाने वाली लोकल ट्रेन को जल्द शुरू करने की सुगबुगाहट तेज हो गई है. कोरोना की शुरुआत के संग नियम कायदों के साथ लोगों की भीड़ ट्रेन में कम की गई, फिर ट्रेनों को रोक दिया गया. कई महीनों बाद ट्रेनों को शुरू किया गया उसमें भी सीमित संख्या में लोगों को जगह दी गई. अब सरकार की कोशिश है कि जल्द ही आम लोगों के लिए लोकल ट्रेन शुरू की जा सके. इस कड़ी में महाराष्ट्र सरकार ने रेलवे को पत्र लिखा था. आज रेलवे ने इस पत्र के जवाब में अपनी तरफ से प्रतिक्रिया महाराष्ट्र सरकार को दी है. दोनों पक्षों के बीच चर्चा जारी है आखिर कब लोकल ट्रेन मुंबई के लोगों के लिए भी खोल दी जाएगी?


कल महाराष्ट्र सरकार ने सेंट्रल रेलवे और वेस्टर्न रेलवे के नाम पर एक पत्र लिखा था, जिसमें टाइम स्लॉट्स लोगों की भीड़ और संसाधनों के वितरण के संग जल्दी लोकल ट्रेन की सेवा काम लोगों के लिए शुरू करने की बात कही थी. आज इस पत्र के जवाब में सेंट्रल रेलवे और वेस्टर्न रेलवे ने महाराष्ट्र सरकार को पत्र लिखा है. गौरतलब है कि अभी वेस्टर्न रेलवे और सेंट्रल रेलवे कुल मिलाकर मुंबई में दिन भर में 1410 स्पेशल सर्विस और 10 लेडीज स्पेशल ट्रेनें चला रही हैं.


महाराष्ट्र सरकार ने मांग की है कि सुबह 7:30 बजे से पहले जिसके बाद दिन में 11:00 से 4:00 और रात में 8:00 के बाद वैलीड टिकट होल्ड करने वाले सभी लोगों को यात्रा करने की अनुमति दी जाए. सुबह के स्लॉट में ट्रेन के आंकड़े को बढ़ाकर मुंबई के लोगों को सुविधा देने की बात भी महाराष्ट्र सरकार ने अपने पत्र में रेलवे से की है.


सेंट्रल रेलवे और वेस्टर्न रेलवे ने भी अपने जवाब महाराष्ट्र सरकार को लिखकर दे दिए हैं. जहां सेंट्रल रेलवे ने कोरोना से पहले और कोरोना के बाद अपनी तरफ से चलाई जाने वाली नंबरों की मात्रा और उसमें यात्रा करने वाली लोगों की भीड़ की तुलना करके बताई है, और कहा है कि सेंट्रल रेलवे को अपनी तरफ से ट्रेनों की मात्रा अभी 706 से बढ़ाकर अपनी पूरी क्षमता 1774 करने में कोई दिक्कत नहीं है. मगर जरूरी है कि इसके बाद सोशल डिस्टेंसिंग और दूसरे नॉर्म्स के लिए राज्य सरकार के सहयोग की जरूरत रहेगी.


ट्रेनों को शुरू करने के लिए लोकल पुलिस की भी मदद की जरूरत पड़ेगी साथ ही आधुनिकतम तकनीक के साथ राज्य सरकार और रेलवे को साथ आकर काम करना पड़ेगा. टिकट के लिए और दूसरे ऑप्शंस के बारे में भी विचार करने पर बात की गई है. वेस्टर्न रेलवे ने भी अपनी तरफ से 704 से बढ़ाकर ट्रेनों की संख्या अपनी पूरी क्षमता 1367 तक ले जाने को तैयार है.


वेस्टर्न रेलवे ने सेंट्रल रेलवे की तरह बात दोहराई है कि सोशल डिस्टेंसिंग लोगों को मानने के लिए राज्य सरकार को सहयोग देना पड़ेगा. दोनों रेलवे विभागों ने यह बात भी महत्वपूर्ण तौर पर कही है कि पूरी क्षमता में चलाने के बाद भी कुछ लाख यात्री लोकल में सफर कर पाएंगे, दूसरे कई लाख लोग लोकल में सफर करने सोशल डिस्टेंसिंग के चलते सफल नहीं हो पाएंगे ऐसे में दूसरे ट्रांसपोर्ट साधनों के विषय में भी विचार करने की जरूरत है.