Mundka Fire: मुंडका अग्निकांड मामले में डीएनए प्रोफाइलिंग का काम तेजी से किया जा रहा है. सभी 27 शवों के डीएनए सैम्पल लिए जा चुके हैं. आशंका जताई जा रही है कि जो लापता हैं, वो अनहोनी का शिकार हो चुके हैं. पुलिस की मानें तो लापता लोगों की पहचान के लिए अभी तक 26 मिसिंग पर्सन्स के सगे संबंधियों के डीएनए सैम्पल ले लिए गए हैं. जबकि एक महिला के सगे संबंधी की पहचान नहीं हो सकी है.


DCP समीर शर्मा का कहना है कि जिन 27 लोगों को मौत हुई है, उनमें से 8 की ही पहचान हो पाई है. इसलिए 8 शवों का ही पोस्टमार्टम हो पाया है. इन आठों के भी डीएनए सैंपल लिए जा चुके हैं. अन्य शवों की पहचान डीएनए की मदद से हो पाएगी. जिसे जल्द से जल्द पूरा कराने का प्रयास किया जा रहा है.


क्या होता है डीएनए


डीएनए यानी डिऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड. इंसानों व सभी जीवों में अनुवांशिक(जेनेटिक) गुण डीएनए के जरिए ही आता है. मनुष्य के शरीर की लगभग हर कोशिका में डीएनए मौजूद होते हैं.


डीएनए से कैसे होती है पहचान


डीएनए से पहचान तभी की जा सकती है जब उस व्यक्ति के सगे सम्बन्धी खासतौर से माता-पिता के सैंपल भी उपलब्ध हों. जब दोनों सैंपल का मिलान किया जाएगा और उनके अनुवांशिक गुण समान पाए जाएंगे तभी ये माना जायेगा कि उन दो लोगों के बीच सगा रिश्ता है.


सैंपल के लिए क्या जरूरी होता है


ब्रिलियंट फॉरेंसिक इन्वेस्टिगेशन के फॉरेंसिक एक्सपर्ट आदर्श मिश्रा के अनुसार डीएनए जांच के लिए ब्लड के अलावा नाखून, बाल, स्कल यानी खोपड़ी, दांत, हाथ या पैर की हड्डी, त्वचा आदि से भी डीएनए जांच हो सकती है. सिर्फ डेड बॉडी का डीएनए प्रोफाइल से पहचान करना मुश्किल होता है, उसके लिए पेरेंट्स का डीएनए प्रोफाइल होना भी जरूरी होता है. तभी दोनों प्रोफाइल का मिलान किया जाएगा, अगर दोनों में समानताएं पाई जाती हैं, तो ये कहा जा सकता है कि इनके बीच सगा रिश्ता था.


इसके अलावा खोपड़ी, दांत या पैर की हड्डी से भी डीएनए प्रोफाईल तैयार कर उसकी पहचान की जा सकती है. मुंडका मामले में अगर किसी शव का खून पूरा ही सूख चुका है तो खोपड़ी, दांत आदि की मदद से उनकी पहचान की जा सकती है. खोपड़ी से व्यक्ति की आयु का अंदाजा लगाया जा सकता है. दांत से पहचान इस तरह से की जा सकती है कि व्यक्ति के दांतों की बनावट कैसी थी? उस व्यक्ति के माता-पिता को इस बारे में अवश्य पता होता है. उदहारण के तौर पर किसी के दांत टेढ़े हैं, ऊपर नीचे हों। इससे भी पहचान हो सकती है. अगर पैर की हड्डी से डीएनए जांच की जाती है तो उस व्यक्ति की लंबाई पता लगाई सकती है और उससे भी पहचान करने में मदद मिल सकती है. अगर किसी का कोई पुराना एक्स-रे है तो शव का एक्स-रे करके दोनों का मिलान भी किया जा सकता है. इस तरह से डीएनए प्रोफाइलिंग की मदद से शवों की पहचान की जा सकती है.


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