Helicopter Emergency Landing: मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग, अटक गई सबकी सांसें
उत्तराखंड के मुनस्यारी गांव में एक यात्रा के दौरान केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और उनकी टीम के हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करवानी पड़ी.
Successful Rescue Of CEC: उत्तराखंड के मुनस्यारी क्षेत्र से केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और उनके टीम का सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया गया. ये ऑपरेशन तब शुरू हुआ, जब 15,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित रालम गांव में हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी. रेस्क्यू ऑपरेशन में स्थानीय लोग और आईटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) की टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
इस घटना की शुरुआत तब हुई जब केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और उनका टीम एक यात्रा के दौरान मुनस्यारी के पास से गुजर रहे थे. अचानक खराब मौसम और कुछ टेक्निकल कारणों से हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी. लैंडिंग रालम गांव में हुई, जो समुद्र तल से लगभग 15,000 फीट की ऊंचाई पर मौजूद है. इस ऊंचाई पर मौसम की कठिन परिस्थितियों के बीच दल को रात बितानी पड़ी.
क्यों करवानी पड़ी इमरजेंसी लैंडिंग
रात के समय टीम को रालम गांव में ही रात बितानी पड़ी, जहां उन्होंने एक खाली पड़े माइग्रेटेड गांव के घर का ताला तोड़कर अपना समय बिताया. टीम ने उस घर में लकड़ियों से आग जलाकर ठंड से बचने की कोशिश की. टीम में केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त के अलावा अन्य अधिकारी भी शामिल थे, जो अब पूरी तरह सुरक्षित हैं.
सुबह रेस्क्यू ऑपरेशन की शुरुआत
रातभर परेशानी झेलने के बाद, सुबह करीब 3 बजे स्थानीय ग्रामीणों की एक रेस्क्यू टीम रालम गांव पहुंची और स्थिति का जायजा लिया. इसके कुछ समय बाद, लगभग 4 बजे, आईटीबीपी की टीम भी मौके पर पहुंच गई और रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया. ये क्षेत्र अत्यंत ऊंचाई और कठोर भौगोलिक परिस्थितियों के कारण चुनौतीपूर्ण है, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.
रेस्क्यू टीम ने बताया सभी लोग सुरक्षित हैं
रेस्क्यू टीम ने तुरंत दल की स्थिति को संभाला और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की तैयारी की और अंत में आज सुबह (17 अक्टूबर) उसी हेलीकॉप्टर से केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त और उनके दल को मुनस्यारी लाया गया. सभी लोग सुरक्षित हैं और किसी भी तरह की शारीरिक क्षति नहीं हुई है.
रेस्क्यू ऑपरेशन में आई चुनौतियां
ये रेस्क्यू ऑपरेशन बेहद कठिन था, क्योंकि रालम गांव 15,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, जहां ऑक्सीजन की कमी और मौसम की कठोरता ने रेस्क्यू टीमों के लिए मुश्किलें बढ़ा दीं. इसके अलावा, दुर्गम क्षेत्र होने के कारण संचार सुविधाओं की भी कमी थी, जिससे रेस्क्यू टीम को स्थिति को संभालने में जरूरत से ज्यादा समय लगा.
गांव वालों ने मौके पर पहुंचकर की मदद
हालांकि, स्थानीय लोगों और आईटीबीपी के कठोर प्रयासों से रेस्क्यू ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा हो सका. गांव वालों ने पहले मौके पर पहुंचकर दल को सुरक्षित रखने में मदद की और आईटीबीपी ने जल्द से जल्द पहुंचकर उन्हें वापस सुरक्षित स्थान पर लाने का काम किया. स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने समय रहते कार्यवाही की, जिससे एक बड़ी दुर्घटना को समय रहते बचाया जा सका. बताया जा रहा है कि फिलहाल सभी लोगों की सेहत ठीक है, और उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य जांच के बाद वापस भेजने की तैयारी की जा रही है. ये घटना दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा की कठिनाइयों को एक बार फिर उजागर करती है, जहां मौसम और वातावरण की चुनौतियों का सामना करना एक सामान्य बात है.