Vikash Yadav Family Reaction: अमेरिका में खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप में अमेरिका की ओर से अभियुक्त बनाए गए पूर्व भारतीय सरकारी कर्मचारी विकास यादव के परिवार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. उनका कहना है कि अमेरिकी सरकार सच्चाई नहीं बता रही है.


विकास यादव की 65 वर्षीय मां सुदेश यादव ने मीडिया में आई रिपोर्ट्स को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि उनका बेटा हमेशा देश के लिए काम करता रहा है. सुदेश यादव ने समाचार एजेंसी 'रॉयटर्स' से कहा, "मैं क्या कहूं? मुझे नहीं पता कि यूएस सरकार सच्चाई बता रही है या नहीं. वह (विकास) देश के लिए काम कर रहा था."


गांव के रिश्तेदारों ने किया आरोपों का खंडन


दिल्ली से लगभग 100 किलोमीटर दूर हरियाणा के प्राणपुरा गांव में विकास यादव के परिजनों ने अमेरिकी सरकार के आरोपों का खंडन किया है. विकास के चचेरे भाई ने रॉयटर्स से कहा, "इतना पैसा कहां से आएगा? क्या आप इस घर के बाहर कोई ऑडी और मर्सिडीज देख रहे हैं?" परिवार का कहना है कि विकास ने कभी भी इस कथित साजिश के बारे में कोई जानकारी नहीं दी. एक अन्य रिश्तेदार ने बताया कि विकास ने चचेरे भाई को यह बताया था कि मीडिया में उनके शामिल होने की खबरें झूठी हैं.


परिवार को विकास का कोई अता-पता नहीं


भारतीय अधिकारियों ने विकास यादव के ठिकाने पर कोई टिप्पणी नहीं की है. 'दि वाशिंगटन पोस्ट' ने अमेरिकी अधिकारियों का हवाला देते हुए गुरुवार को रिपोर्ट किया कि विकास अभी भी भारत में हैं और अमेरिका उनकी प्रत्यर्पण की मांग कर सकता है. विकास यादव के पिता का 2007 में निधन हो गया था, जबकि उनका भाई हरियाणा पुलिस में कार्यरत है. उनके एक और चचेरे भाई अमित यादव ने कहा, "केवल भारत सरकार और विकास ही जानते हैं कि क्या हुआ है."


US न्याय विभाग के आरोप और भारत सरकार की प्रतिक्रिया


अमेरिकी न्याय विभाग ने विकास यादव पर पिछले साल सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की असफल साजिश की साजिश का नेतृत्व करने का आरोप लगाया है. अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, विकास भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के एक अधिकारी थे. हालांकि, नई दिल्ली ने कहा कि यादव अब सरकारी कर्मचारी नहीं हैं. विकास के चचेरे भाई ने कहा कि परिवार को उनकी नौकरी या साजिश के बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा, "उन्होंने हमें कभी कुछ नहीं बताया. हमारे लिए तो वह अभी भी सीआरपीएफ में काम कर रहे हैं."


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