नई दिल्ली: तीन मूर्ति भवन परिसर में देश के अबतक के सारे प्रधानमंत्रियों की याद में भव्य म्यूजियम का निर्माण कार्य का शुभारंभ संस्कृति मंत्री महेश शर्मा और शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह ने किया. इस म्यूजियम को इस तरह का लुक दिया जाएगा कि यह आकृति में अशोक चक्र से जैसा दिखे. तीन मंजिले इस म्यूजियम का निर्माण दस हजार स्क्वायर फीट एरिया में किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 271 करोड़ रुपए आने की संभावना है. म्यूजियम 23 एकड़ परिसर में फैला रहेगा और इसमें नेहरू के अलावा सारे प्रधानमंत्रियों के यादगार लम्हों को संजोया जाएगा.





तीन मूर्ती भवन भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का आधिकारिक आवास था. जवाहर लाल नेहरू के देहांत के बाद इस परिसर को नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी में बदल दिया गया. 25 एकड़ में फैले तीन मूर्ति भवन परिसर में नेहरू मेमोरियल म्यूजियम आधे एकड़ में बना हुआ है और बाकी का एरिया खाली पड़ा हुआ है. प्रधानमंत्रियों के लिए प्रस्तावित म्यूजियम इन्हीं खाली जगहों पर बनाया जाएगा.


यह म्यूजियम कई मामलों में अद्भुत होगा. इसमें वर्जुअल इंटरफेस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा. ग्राफिक्स, एनिमेशन और प्रधानमंत्रियों के रिकॉर्डेड वीडियो की मदद से ऐसा सिस्टम तैयार किया जाएगा कि म्यूजियम में आने वाले लोगों को प्रधानमंत्रियों से प्रत्यक्ष बात करने वाली फीलिंग आएगी. तकनीक की मदद से म्यूजियम में रियल वातावरण का निर्माण किया जाएगा. इस तरह के आधुनिक फीचर के कारण यह अपने आप में देश का एक बेहतरीन म्यूजियम होगा.


हालांकि, तीन मूर्ति भवन पर प्रधानमंत्रियों के लिए म्यूजियम बनाने का कांग्रेस पार्टी शुरुआत से ही विरोध कर रही है. पार्टी का कहना है कि नेहरू की विरासत को खत्म करने के लिए बीजेपी सरकार इसका निर्माण करना चाहती है. कांग्रेस ने जारी एक बयान में कहा, ''अफसोस की बात है कि सरकार ने साढ़े चार साल में जो वादे किए थे वो भूल गए, लेकिन नेहरू जी के विरासत, बलिदान को समाप्त करने की कोशिश में ये सरकार साढ़े 4 साल से लगी है. जो फ्रीडम स्ट्रगल के अगुवा रहे, जेल में रहे, आधुनिक भारत के अगवा रहे, उनके विरासत को खत्म करने की ये सरकार कोशिश कर रही है लेकिन इसमें सफलता नहीं मिलने वाली.''


बता दें कि इस संबंध में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पिछले महीने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा था. मनमोहन सिंह ने पत्र में चिंता व्यक्त की थी कि इससे नेहरू मेमोरियल म्यूजियम के 'नेचर और कैरेक्टर' में बदलाव करने की कोशिश की जा रही है.


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