मुंबई: लॉकडाउन के चलते देशभर में रमजान का महीना शुरू हो गया है. तमाम अपील मुस्लिम धर्मगुरुओं के तरफ से लगातार की जा रही है कि रमजान के महीने में जिस तरह से लोग पहले शाम के वक्त निकलते थे लोगों से गुजारिश है कि वह लॉकडाउन के दौरान वैसा ना करें. ताकि लोग लॉकडाउन का पूरी तरह से रमजान के महीने में पालन करें और कोरोना के संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सके.


इसी के साथ ही मुंबई के भिवंडी इलाके में मुस्लिम धर्मगुरु मुफ्ती हुजैफा कासमी ने महाराष्ट्र पुलिस से भी अपील की है कि वह लॉकडाउन के दौरान अगर कोई इमाम, हाफिज रोड पर जाते हुए मिलता है तो बेवजह उस पर हाथ ना उठाएं. पहले उसकी पहचान करें क्योंकि रमजान महीने में अगर किसी मौलवी, हाफिज या इमाम पर पुलिस वाले हाथ उठाते हैं तो माहौल बिगड़ सकता है.


महाराष्ट्र पुलिस से यह भी अपील की गई है कि मुस्लिम इमाम, हाफिज जैसे लोगों के लिए जो मस्जिदों में जाकर रमजान के महीने में नमाज पढ़ने का काम करेंगे उनके लिए एक पहचान पत्र पुलिस की तरफ से बनाया जाए. ताकि वह सड़कों पर जा सकें और अगर पुलिस उन्हें रोकती है तो वह अपनी पहचान बता सकें.


मुस्लिम धर्मगुरुओं ने यह भी अपील की है कि लोग रमजान के महीने में अपने घरों पर ही नमाज पढ़े और अगर मस्जिदों में वह आते हैं तो सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करें. बेवजह इफ्तहार के लिए भीड़ इकट्ठा ना करें. हो सके तो अपने घरों पर ही रह कर रोजा इफ्तार करें.


साथ ही बहुत ही शालीनता और सरल तरीके से रमजान के मुबारक महीने को अपने घर और परिवार वालों के साथ ही बिताएं. उन्होंने कहा कि रमजान के महीने में हम सबको लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन करना है और रमजान को मुबारक बनाना है. इसमें महाराष्ट्र पुलिस का भी साथ बेहद जरूरी है.


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