मुस्लिम परिवार ने दी भाईचारे की बड़ी मिसाल, बिहार में दुनिया के सबसे बड़े मंदिर के लिए दान किया ढाई करोड़ की जमीन
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के बाद अब बिहार की भी बारी आ गई है. चंपारण में ‘विराट रामायण मंदिर’ के निर्माण की तैयारी हो रही है.
बिहार से एक मिसाल कायम करने वाली खबर सामने आई है. दरअसल बिहार के एक मुस्लिम परिवार ने राज्य के पूर्वी चंपारण जिले के कैथवलिया इलाके में बनने वाले एक मंदिर के लिए 2.5 करोड़ रुपये की जमीन दान कर दी है. एक तरफ जहां देश में आए दिन दो संप्रदायों के लोगों के तनाव के मामले सामने आते रहे हैं ऐसे में ये खबर सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल है.
बता दें कि बिहार में बनने वाला यह मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा विराट रामायण मंदिर होगा. वहीं इस जमीन दान की जानकारी सोमवार को रिपोर्टर से बातचीत के दौरान पटना के महावीर मंदिर ट्रस्ट के प्रमुख आचार्य किशोर ने दी. उन्होंने कहा इस मंदिर के भव्य निर्माण के लिए इश्तियाक अहमद खान ने 2.5 करोड़ रुपये की जमीन दान करने का फैसला किया है. उन्होंने बताया कि इश्तियाक पूर्वी चंपारण के रहने वाले हैं और फिलहाल गुवाहाटी में कारोबार कर रहे हैं.
अयोध्या के बाद अब बिहार की बारी
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के बाद अब बिहार की भी बारी आ गई है. चंपारण में ‘विराट रामायण मंदिर’ के निर्माण की तैयारी हो रही है. बनने के बाद इसकी तस्वीर ऐसी होगी कि सबकी नजरें टिकी रह जाएंगी. विराट रामायण मंदिर दुनिया में सर्वप्रसिद्ध और 12वीं सदी के अंगकोरवाट के मंदिर से भी लंबा होगा. यह मंदिर करीब 500 करोड़ रुपये लागत में बनाई जाएगी. इसके निर्माण के लिए नई दिल्ली में संसद भवन के निर्माण में लगे कई नामचीन वास्तुकारों की मदद ली जाएगी.
250 सालों तक होगा टिकाऊ
चंपारण के केसरिया में बनने वाला रामायण मंदिर 270 फीट ऊंचा, 1080 फीट लंबा और 540 फीट चौड़ा होगा. इस मंदिर का निर्माण इस तरह कराया जा रहा है कि कई सौ साल तक चले. बताया जा रहा है कि मंदिर लगभग ढाई सौ साल तक टिकाऊ होगा. यह 100 एकड़ में बन रहा है. मंदिर के स्ट्रक्चरल डिजाइन में विशेष बदलाव किए जा रहे हैं. मंदिर के निर्माण के लिए केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के पूर्व महा निदेशक विनीत जायसवाल को मुख्य परामर्शी बनाया गया है.
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