Maharashtra Police Mock Drill: महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक मंदिर में की गई पुलिस की एक ‘मॉक ड्रिल’ से मुस्लिम समुदाय खफा है. इस मामले में मुस्लिम नेताओं की ओर से शिकायत दर्ज कराई गई है. शिकायत में उन्होंने कहा है ​कि मॉक ड्रिल समुदाय विशेष की भावनाएं भड़काने वाली थी, जिसमें आतंकवादियों के समूह को मुसलमानों के तौर पर दिखाया गया.


शिकायतकर्ता मुस्लिम नेताओं का कहना है कि चंद्रपुर (chandrapur) में पुलिसकर्मियों की जो मॉक ड्रिल हुई थी, उस पर हमें आपत्ति है. जिसमें पुलिस को यह दिखाना था कि आतंकियों को कैसे काबू में लाना चाहिए, लेकिन उस दौरान पुलिस का मुस्लिम द्वेष बाहर आया था.


मुस्लिम नेताओं के मुताबिक, महाराष्ट्र के महाकाली मंदिर में आयोजित की गई ‘मॉक ड्रिल’ (Anti Terror Mock Drill) में खुद को आतंकवादी बताने वाले पुलिसकर्मी कथित तौर पर एक विशेष समुदाय से जुड़े नारे लगाते दिखे. ड्रिल में आतंकवादियों के एक समूह ने एक पूजा स्थल पर कब्जा किया था और श्रद्धालुओं को बंधक बनाया था. उन्होंने अल्लाह हू अकबर' का नारा भी लगाया. 






इस मामले में वकीलों के एक समूह ने भी जिला पुलिस अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपा है. वहीं, रविवार को पुलिस अधीक्षक (SP) रवींद्र सिंह परदेशी का बयान आया. उन्होंने कहा कि इस तरह की गलती दोबारा न हो, इसके लिए सभी प्रयास किए जाएंगे. अधिकारियों के मुताबिक ‘मॉक ड्रिल’ का आयोजन 11 जनवरी को महाराष्ट्र (Maharashtra) के प्रसिद्ध महाकाली मंदिर में स्थानीय पुलिस, आतंकवाद निरोधी दस्ते, विशेष इकाई सी-60 समेत अन्य बलों के कर्मियों द्वारा किया गया था.


पुलिस की वो ‘मॉक ड्रिल’ इसलिए विवादों में आ गई है, जब खुद को आतंकवादी बताने वाले पुलिसकर्मी उसमें कथित तौर पर एक विशेष समुदाय से जुड़े नारे लगा रहे थे. 


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