अलवर: एक बार फिर गोरक्षा के नाम पर राजस्थान के अलवर में एक शख्स को भीड़ ने कथित तौर पर मौत के घाट उतार दिया. न्यूज़ एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कल रात अलवर के रामगढ़ इलाके के लल्लावंडी गांव में गो तस्कर होने के शक में भीड़ ने अकबर नाम के एक शख्स की पीट-पीटकर  हत्या (लिंचिंग) कर दी. ये हत्या ऐसे समय में हुई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार की रात को लोकसभा में कहा कि भीड़ की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.


अलवर में हुई भीड़ की हिंसा के बाद पुलिस जांच में जुट गई है लेकिन अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. अलवर के एएसपी अनिल बेनिवाल ने कहा, ''यह साफ नहीं है कि जिनकी हत्या हुई है वह गाय तस्कर थे. शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है. हम दोषियों की पहचान कर रहे हैं. जल्द ही उनको गिरफ्तार कर लिया जाएगा.'' वहीं मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.


जानकारी के अनुसार, हरियाणा के कोल गांव निवासी अकबर और उसका एक साथी असलम पैदल-पैदल दो गायों को लेकर जा रहे थे. तभी रात में उन्हें स्थानीय लोगों ने घेर लिया, असलम तो भीड़ से छूटकर भाग गये लेकिन अकबर को भीड़ ने मार डाला.


मुख्यमंत्री ने की निंदा
अलवर की घटना की राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने निंदा की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''अलवर में गो परिवहन से सम्बंधित वारदात में हुई नृशंस हत्या की मैं कड़े शब्दों में निंदा करती हूं. पुलिस मामला दर्ज कर दो संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ कर रही है. मैंने गृह मंत्री को जल्द से जल्द मामले की छानबीन कर दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के निर्देश दिए हैं.''






ओवैसी बोले- यह लिंच राज है
अलवर में हुई भीड़ की कथित हिंसा पर एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने तंज भरे लहजे में मोदी सरकार पर निशाना साधा और लिंच राज करार दिया. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गाय को जीने का मौलिक अधिकार है और इसके नाम पर मुस्लिम की हत्या, उनके पास जीने का मौलिक अधिकार नहीं है. चार साल मोदी का राज- लिंच राज.''






गोरक्षा के नाम पर 'भीड़तंत्र' की हिंसा ऐसे समय में हुई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल ही लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान पीट-पीटकर हत्या (लिंचिंग) की घटना पर कहा था कि इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है. राज्य सरकारें ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई करे.






मोदी ने कहा, ‘‘हाल के समय में हिंसा की घटनाएं हुई हैं. ये घटनाएं दुखद हैं और मानवता के मूल सिद्धांत के विरूद्ध हैं. राज्य सरकारें कदम उठा रही हैं. मैं राज्य सरकारों से एक बार फिर कहना चाहता हूं कि इस तरह के मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाए.’’ गौरतलब है कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित विपक्ष के कई वक्ताओं ने देश में भीड़ द्वारा हत्या का मुद्दा उठाया था.


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सुप्रीम कोर्ट ने भी भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या पर पिछले दिनों कड़ी टिप्पणी की थी और कहा था कि भीड़तंत्र की कार्रवाई को स्वीकार नहीं किया जा सकता है. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि संसद इस तरह की घटना को रोकने के लिए कानून बनाए.


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गोरक्षा के नाम पर पहले भी हो चुकी है हत्या
आपको बता दें कि अलवर में गोरक्षा के नाम पर कई लोगों की हत्या हो चुकी है. पिछले साल अप्रैल में अलवर जिले में ही गौरक्षकों ने गाय तस्करी के संदेह पर पहलू खान नामक एक शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. इसके बाद नवंबर में एक किसान उमर खान की अलवर में गौरक्षा के नाम पर पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.



पुलिस के मुताबिक अलवर के गोविंदगढ़ में उमर की हत्या कर दी गई थी. परिजनों ने कहा था कि 10 नवंबर को गाय लेकर जा रहे थे तभी भीड़ ने उनपर हमला कर दिया. आपको बता दें कि गोरक्षा के नाम पर 2012 से लेकर अब तक 85 घटना हुई है. इंडिया स्पैंड के मुताबिक, इन वारदातों में भीड़ अब तक 33 लोगों की जान ले चुकी है.