Violent Attack On Cows In Bengaluru: कर्नाटक के बेंगलुरु में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. कॉटनपेट इलाके में तीन गायों पर हिंसक हमले किए गए. जिसके बाद शहर में तनाव फैल गया. बेंगलुरु पुलिस ने इस मामले में कारर्वाई करते हुए बिहार के रहने वाले सैयद नसरू को गिरफ्तार किया है, फिलहाल उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.


पुलिस की जांच में पता चला कि सैयद नसरू का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था. वह शराब के नशे में अपराध करता पाया गया. नसरू कुछ साल पहले बेंगलुरु आया था और टेलरिंग यूनिट में काम करता था. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय लोगों की मदद से आरोपी की पहचान की. स्थानीय लोगों ने पुलिस को बताया कि नसरू एक ऐसा व्यक्ति हैं जो अक्सर रात में सड़कों पर घूमता करता है .


हमले का विवरण
न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने कहा कि आरोपी ने अपराध कबूल कर लिया है. शिकायतकर्ता कर्ण गोपालकृष्ण ने अपनी शिकायत में कहा कि उसके पास आठ गायें हैं. जिनमें से चार को घर के पास और चार को दंडुमरीअम्मा मंदिर में रखा गया था. घटना की रात करीब 11 बजे कृष्ण सो गए थे. सुबह 4 बजे उनके दोस्त सुधाकर ने हमले की जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि तीन गायों को गंभीर चोटें पहुंचाई गईं. एक गाय का थन पूरी तरह से कटा हुआ था. दूसरी गाय का थन आंशिक रूप से कटा हुआ और पैर पर धारदार हथियार से वार किया गया था. फिलहाल घायल पशुओं का इलाज चामराजपेट पशु चिकित्सालय में जारी है.


मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
सीएम सिद्धारमैया ने घटना को गंभीरता से लिया और पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया कि वे जल्द जांच पूरी करें. मुख्यमंत्री ने लोगों और संगठनों से जांच पूरी होने तक शांत रहने की अपील की. वक्फ और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बी. जेड. ज़मीर अहमद खान ने पशु चिकित्सालय का दौरा किया और पीड़ित मालिक को नई गायें खरीदने का आश्वासन दिया. उन्होंने सख्त कार्रवाई का वादा किया.


भाजपा और हिंदुत्व संगठनों की प्रतिक्रिया
भाजपा नेताओं ने इसे "जिहादी आतंक" का कृत्य बताया. विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने इसे "जिहादी मानसिकता" का प्रदर्शन बताया. अशोक ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो वे "काली मकर संक्रांति" मनाएंगे. कर्नाटक भाजपा प्रमुख बी.वाई. विजयेंद्र ने कांग्रेस सरकार पर गायों की सुरक्षा की अनदेखी का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस गौशालाओं को बंद करने का निर्णय ले रही है, जो "गाय खाने वालों को लुभाने" के उद्देश्य से है.


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