नई दिल्ली: जहां एक तरफ देश में हिंदू-मुस्लिम के नाम पर राजनीति हो रही है, वहीं दूसरी तरफ एक ऐसी खबर आई है जिसने दोनों समुदाय के बीच भाईचारे का संदेश दिया है. दरअसल एक मुस्लिम युवक ने एक हिंदू युवक की जान बचाने के लिए रमज़ान में अपना रोज़ा तोड़ दिया.
क्या है पूरा मामला
अजय बिजल्वाण के लीवर में संक्रमण था जिसकी वजह से अजय के प्लेटलेट्स में तेजी से गिरावट आ रही थी. अजय देहरादून के मैक्स अस्पताल में भर्ती थे. लीवर में संक्रमण के इलाज के लिए ए पॉजिटिव (A+) खून की जरूरत थी. अजय के पिता ने मदद मांगने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया.
इस बात का पता जब आरिफ को चला तो वो तुरंत मदद के लिए तैयार हो गए. उन्होंने तुरंत अजय के पिता को फोन किया और कहा कि वे खून देने के लिए तैयार हैं. बता दें कि आरिफ, नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स के अध्यक्ष हैं.
जब आरिफ अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर्स ने कहा कि खून देने से पहले उन्हें कुछ खाना होगा, इसका सीधा मतलब ये हुआ कि आरिफ को अपना रोज़ा तोड़ना होगा. इंसानियत को धर्म से ऊपर रखते हुए आरिफ ने अपना रोज़ा तोड़ने का फैसला किया और अजय के इलाज के लिए खून दे दिया. आरिफ ने जो मिसाल कायम की उसकी खूब तारीफ हो रही है. इसके साथ ही यह उन लोगों के मुंह पर तमाचा भी है तो दोनों समुदायों को तोड़ने की हर कोशिश करते हैं.